पवन दुर्गम, बीजापुर। किसानों की समस्या को लेकर आज पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा के नेतृत्व में किसान रैली और धरना कार्यक्रम होना था. लेकिन प्रशासन ने कोविड-19 का हवाला देकर अनुमति देने से इनकार कर दिया. साथ ही जिला मुख्यालय की ओर आने वाले सभी मुख्य सड़कों पर सघन जांच कर लोगों को वापस लौटाया जा रहा है. जिससे आम लोगों को असुविधा हो रही है. धरना रैली की अनुमति नहीं मिलने से पूर्वमंत्री महेश गागड़ा ने बीजापुर भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता ली, जिसमें सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करते विपक्ष की आवाज को कुचलने का आरोप लगाया है.

क्या थे मुद्दे 

1. किसानों को किए वादे के अनुसार समर्थन मूल्य पर खरीदी हो.
2.धान खरीदी के तीन दिवस के अंदर किसान के खाते में पूरा भुगतान एक साथ किया जाए जैसा पूर्ववर्ती सरकार में किया जाता था.
3.गिरदावर के नाम पर रकबा कम किया जा रहा है उसे खत्म किया जाए.

किसान का दर्द नहीं समझते

पत्रकारवार्ता में पूर्वमंत्री महेश गागड़ा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा है. भूपेश बघेल किसानों के दर्द को नही समझते हैं. किसान का दर्द समझने के लिए किसान होना ही जरूरी नहीं है.

पार्टी के एजेंट न बने अधिकारी

रैली की अनुमति नहीं मिलने से किसानों और भाजपाइयों में खासा रोष दिखा. सरकार के इशारे पर अधिकारियों ने रैली धरना की अनुमति नहीं देने और पार्टी के एजेंट की तरह काम न करने की अधिकारियों को नसीहत दे डाली.

किसान रैली और धरना के मद्देनजर मुख्यालय से लगे सभी सड़को पर जवानों की तैनाती की गई है. मुख्यालय की ओर आने वाले सभी आम लोगों की तलाशी भी की जा रही है. भाजपा का आरोप है कि पूछ पूछकर भाजपा के कार्यकर्ताओं को आने से रोका जा रहा है कई चुने हुए जनप्रतिनिधियों को वापस लौटाया जा रहा है. सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं दिखती है.