विप्लव गुप्ता, पेण्ड्रा। जिले में राजस्व और लोक निर्माण विभाग की भू-माफिया और ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार और बेजा कब्जाधारियों को संरक्षण देने का अनूठा मामला सामने आया है. शासकीय भूमि को छोड़कर ठेकेदार ने ग्रामीणों की लगानी भूमि पर सड़क निर्माण शुरू कर दिया. इस पर शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर अब ग्रामीण न्यायालय की शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं.

पूरा मामला पेंड्रा से बसंतपुर तक बनाई जा रही आठ किमी सड़क के बीच में पड़े वाले ग्राम अमरपुर का है. लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क बनाने के लिए पर्याप्त शासकीय भूमि होने के बावजूद किसानों की भूमि पर निर्माण किया जा रहा है. किसानों को इस बात की आपत्ति है कि उन्हें अब तक यह नहीं बताया गया है कि सड़क निर्माण के लिए उनकी कितनी भूमि को शासन ने अधिग्रहित किया है , और ना ही किसी भी प्रकार का मुआवजा प्रदान किया है.

जानकार बताते हैं कि सड़क बनाने के लिए निर्धारित शासकीय भूमि पर कुछ रसूखदारों ने बेजा कब्जा कर मकान का निर्माण कर लिया है. पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले में उनकी शिकायत पर जांच टीम भी बनी थी, लेकिन जांच टीम में शामिल पटवारी ने अपने प्रतिवेदन में कब्जा वाली जमीन को रिक्त बता दिया और उसी भूमि पर सड़क निर्माण होने की बात कह दी, जबकि वस्तु स्थिति यह है कि बेजा कब्जाधारियों के मकान को पूरी तरीके से संरक्षण देते हुए सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है.

यही नहीं ग्रामीणों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग के इस्टीमेट में सड़क जहां सीधी और 53 फीट चौड़ी होनी थी, वहां सड़क को मनमाने ढंग से मोड़ दिया गया है और सड़क की चौड़ाई भी लगभग 18 फीट कम कर 35 फीट चौड़ी सड़क का ही निर्माण किया जा रहा है. ग्रामीणों की माने तो बेजा कब्जा करने वाले गरीब नहीं है, उनके पास स्वयं की दर्जनों एकड़ लगानी जमीन है, जहां उन्होंने मकान भी बनवाए हुए हैं, और कई परिवार उनके मकानों में किराए से रह रहे हैं.

प्रशासन ने कही कार्रवाई की बात

मामले में ग्रामीणों की लगातार शिकायत की गई, लेकिन इस मामले के अब मीडिया में आने के बाद पेण्ड्रा एसडीएम डिगेश पटेल ने अब खुद मौके पर जाकर सत्यापन करने की बात कही है. साथ ही जिन बेजा कब्जा धारियों को पहले ही बेदखली का आदेश पारित किया जा चुका है, उन्हें फिर से नोटिस देकर सही जगह पर सड़क निर्माण करवाने की बात कह रहे हैं.