कवर्धा। राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने आज जिला पंचायत कबीरधाम के सभाकक्ष में सूचना का अधिकार विषय पर आयोजित जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी की कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम आम जनता की भलाई के लिए बनाया गया है.

नागरिकों को शासकीय योजनाओं, कार्यक्रमों और कार्यों के बारे में जानकारी हासिल करने का अधिकार है. इसलिए शासकीय कार्यों और कार्यक्रमों को विभागीय वेबसाइट में प्रदर्शित किया जाए, ताकि आम नागरिक को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाने की जरूरत ही ना पड़े. इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यापालन अधिकारी विजय दयाराम के वनमंडाधिकारी दिलराज प्रभाकर, अपर कलेक्टर बी.एस. उईके उपस्थित थे.

राज्य सूचना आयोग के आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने कार्यशाला में स्पष्ट किया कि सूचना आयोग को जनसूचना अधिकारी पर ना केवल जुर्माना लगाने का अधिकार है, बल्कि आवेदक को क्षतिपूर्ति राशि देने के लिए आदेश पारित करने का भी अधिकार है. यह क्षति पूर्ति राशि लोक प्राधिकारी द्वारा जनसूचना अधिकारी से वसूल कर आवेदक को दिए जाने का प्रावधान अधिनियम में है. इसलिए जनसूचना अधिकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आवेदक को सूचना उपलब्ध कराएं.

छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के संयुक्त संचालक धनंजय राठौर ने कहा कि हर नागरिक को जानने का मौलिक अधिकार है. सूचना का अधिकार अधिनियम सरकार के कार्यो को पारदर्शी बनाना है. इसमें पहली कड़ी जनसूचना अधिकारी हैं. इसलिए जनसूचना अधिकारी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों को स्वयं पढें. इससे गलती की संभावना कम होगी.

इसमें जानकारी देने की समय-सीमा और शुल्क पर विशेष ध्यान रखें. आवेदक को समय-सीमा के भीतर जानकारी दें अन्यथा निर्धारित समय-सीमा 30 दिन के बाद आवेदक को निःशुल्क जानकारी देनी होगी. जनसूचना अधिकारी को पूर्वाग्रह से भी बचना चाहिए. राठौर ने कहा कि आवेदक को जानकारी देते समय जनसूचना अधिकारी का नाम, पदनाम का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए.

साथ ही आवेदक को प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम और पदनाम की भी जानकारी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी आपके कार्यालय से संबंधित नहीं है, तो उसे संबंधित कार्यालय को 5 दिवस के भीतर अंतरित किया जाए.
राठौर ने जनसूचना अधिकारियों से कहा कि जब आवेदक सूचना का अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत करता है, तो आवेदन पत्र को ध्यान से पढ़े, आवेदन पत्र में एक से अधिक विषय की जानकारी चाही गई है, तो केवल एक विषय की जानकारी आवेदक को दी जा सकती है. इसी तरह सशुल्क जानकारी देने की स्थिति पर शुल्क की गणना भी आवेदक को दी जाए और आवेदक द्वारा शुल्क जमा करने के पश्चात् ही वांछित जानकारी की फोटो कॉपी कराई जाए.

उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन को पारदर्शी बनाने के लिए ही सूचना का अधिकार अधिनियम बनाया गया है. जन सूचना अधिकारी अधिनियम के नियमों और उनकी बारीकियों को समझ सकें, इसलिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह कार्यशाला जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारियां के लिए उपयोगी साबित होगा. कार्यशाला में सूचना आयुक्त और संयुक्त संचालक ने जनसूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारी के प्रश्नों और शंकाओं का समाधान किया. एक दिवसीय कार्यशाला में जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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