रायपुर। कोविड-19 संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए जारी ट्रीटमेंट प्रोटोकाल में राज्य तकनीकी समिति के विशेषयों की अनुशंसा पर बदलाव किया गया है. इसमें होम केयर पर गए संभावित और संक्रमित मरीज के लक्षण बताए जाने के साथ उपचार के लिए दवा का सुझाव दिया गया है.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की ओर से ट्रीटमेंट प्रोटोकाल को लेकर तमाम कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है. नए कोविड-19 ट्रीटमेंट गाइड लाइन के अनुसार, केवल कोरोना के बहुत कम लक्षण के लिए ही होम केयर की अनुशंसा की गई है. अनियंत्रित डायबिटीज, दिल की गंभीर बीमारी और गुर्दे की गंभीर समस्या वाले के लिए होम केयर की अनुशंसा नहीं की गई है.

इसके अलावा गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को छोड़कर अऩ्य मरीजों के लिए पांच दिनों तक विटामिन सी 500 एमजी और जिंक 50 एमजी की दवा के अलावा वीआईटी डी3 60000 आईयू स्टेट, पेटोप्राजोल 40 एमजी टेबलेट, पैरासिटामोल 500 एमजी टेबलेट और लिवरमेक्टिन 12 एमजी और डॉक्सीसाक्लीन 100 एमजी टेबलेट की अनुशंसा की गई है. गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए डॉक्सीसाक्लीन 100 एमजी टेबलेट को छोड़कर अऩ्य दवाइयों की अनुशंसा की गई है. वहीं बच्चों के लिए पैरासिटामोल और मल्टीविटामिन देने की अनुशंसा की गई है.

होम केयर पर गए मरीजों को घर के अंदर भी मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और हाथ की बार-बार सफाई करने की सलाह दी गई है. इसके अलावा ऑक्सीजन की मात्रा, तापमान, धड़कन और पेशाब को ध्यान में रखने, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ खान-पान को संतुलित रखने, भाप लेने और नमक का गरारा लेने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही पर्याप्त नींद लेने और आराम करने, रोजोना योग और मेडिटेशन करने के अलावा सांस की कसरत करने की सलाह दी गई है.

Read more : Yemen Hit by Heavy Rains Causing Flood; 4 Dead and Several Others Go Missing 

होम केयर के दौरान इस बातों को गंभीरता से लेने के लिए कहा गया है, जिसमें सांस लेने में कठिनाई, पांच दिन से ज्यादा तेज बुखार और ज्यादा कफ, कमरे में सामान्य स्थिति में एसपीओ2 (ऑक्सीजन) का लेवर 93 से कम रहने, छह मिनट तक चलने पर ऑक्सीजन की मात्रा में 3 प्रतिशत की कमी आने और छाती में हमेशा दर्द रहने, मानसिक तौर पर कंफ्यूज रहने, बातचीत में बदलाव के साथ अंगों में शून्यता आने, ओठों और चेहरे के रंग में बदलाव आना शामिल है.

इसे भी पढ़ें : लल्लूराम डॉट कॉम की मुहिम: ये मशहूर ढाबा जरूरतमंदों को दे रहा मुफ्त में खाना, ऐसे करें संपर्क…