रायपुर। कोरोना संक्रमण के बीच सावधानियां बरतते हुए आज लोकसभा में मानसून सत्र की पहली कार्यवाही संपन्न हुई. इस दौरान सांसदों ने संसद भवन में अपनी-अपनी बातें रखी. इस दौरान राजनांदगांव लोकसभा के सांसद संतोष पाण्डेय ने भी अपनी बात रखते हुए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर किसानों के साथ दगाबाजी करने की बात कहते हुए हमला बोला.

संतोष पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों को सशक्त बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की. योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6000 हजार रुपए सहायता के रूप में सीधे उनके खातों में जमा की जा रही है. लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा इस योजना के तहत किसानों को लाभ न मिल सके इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने अनर्गल आरोप लगाते हुए किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में बाधा डाल रही है.

उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्व विभाग और पटवारी द्वारा किसानों के दस्तावेज, बी-1 फॉर्म, बैंक दस्तावेज, आधार कार्ड के साथ ही घोषणा पत्र भरकर कृषि विभाग में जमा किया जाना था. लेकिन उक्त जिम्मेदार विभाग और अधिकारीयों द्वारा इसमें लापरवाही करते हुए उनका आधार कार्ड, बैंक खाता व अन्य दस्तावेजों में जानबूझकर त्रुटी की गई, ताकि किसानों को इस योजना का लाभ न मिल सके. त्रुटी करने के उसमें ऑनलाइन सुधार के लिए वेबसाइट का पासवर्ड पटवारी के पास होता है लेकिन किसानों द्वारा त्रुटी सुधार के लिए कई बार आवेदन दिए गए.

किसान आवेदन देते थक गए लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है और पात्र किसानों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. यह छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की सोची समझी साजिश है और उन्होंने राजनीतिक द्वेष की वजह से षड्यंत्र पूर्वक इस प्रकार की लापरवाही करते हुए किसानों के साथ दगाबाजी कर रही है. इससे शासन की लचरता और प्रशासन की उदासीनता साफ़ रूप से दिखाई दे रही है कि खुद को किसानों का हितैषी बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार किसानों का अधिकार उनसे छीन रही है.

संतोष पाण्डेय ने आगे कहा कि मैंने जानकारी मिलते ही पात्र किसानों की ऑनलाइन त्रुटी सुधार के लिए लिखित में पत्र जारी किया गया. जिसमें आवेदन देने वाले किसानों ने भी अपने हस्ताक्षर किया थे. आज तक न उस पत्र पर कार्यवाही तो दूर आज तक उसका प्रतिउत्तर भी प्राप्त नहीं हुआ है और न ही किसानों की समस्या का समाधान प्रशासन द्वारा किया गया है. यह घोर लापरवाही है और छत्तीसगढ़ सरकार की उदासीनता व प्रशासन की लापरवाही से किसानों में आक्रोश है.भूपेश सरकार द्वारा जबरदस्ती किसानों को बनावटी व कृत्रिम समस्या उत्पन्न कर उन्हें परेशान करने का काम किया जा रहा है और उनके अधिकार से उन्हें वंचित किया जा रहा है.