पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले के सुपेबेड़ा से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के जाते ही स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार की देर रात बड़ी कार्रवाई की है. देवभोग सीएचसी में चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ डॉ. शैलेश दौरा के निवास में स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी किया. अवैध तरीके से चल रहे क्लीनिक में प्रसव कराने के सामान के अलावा सरकारी सप्लाई की दवा व बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवा बरामद हुआ. डॉ शैलेश ने कहा कि डॉक्टर हूँ कोई पीड़ित घर आए तो उसका सामान्य उपचार मेरे द्वारा किया जाता है जो मेरा पेशा है. वहीं क्लीनिक को सील कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
शैलेश दौरा के टिकरापारा ग्राम स्थित उसके निज निवास में संचालित अवैध क्लिनिक पर शनिवार की रात सीएमएचओ एन के यदु व एसडीएम निर्भय साहू के नेतृत्व में छापेमारी किया गया. थाना प्रभारी सत्येन्द्र श्याम व बीएमओ के सुनील भारती की मौजूदगी में कार्यवाही देर रात 9 बजे तक चलता रहा.
प्रभारी सीएमएचओ ने बताया कि दौरा के पास क्लिनिक संचालन के लिये नर्सिंग एक्ट के तहत कोई भी पेपर नहीं मिले. क्लिनिक में प्रसव करने के सारे सामान मौजूद थे. दर्द व क्लॉटिंग बन्द करने के विभिन्न दवा का जखीरा भी मिला. इनमें से कई दवा ऐसे थे जो सरकारी थे. दीवारों में खून के धब्बे-क्लीनिक में एक छोटा कमरा था जिसमें दो बेड लगे थे. मुश्किल प्रसव को जबरिया कराने वाले एक़ूम प्रेसर मशीन भी दिखा. क्लॉटिंग कम करने व दर्द कम करने के दवा भी मौजूद था. बरामद ऑक्सीजन सिलेंडर व दीवारों में मौजदू खून के छीटे भी बता रहा था कि यहां अवैधानिक तरीके से प्रसव कराया जाता होगा. सभी सामाग्रियों को जब्त कर क्लिनिक को सील कर दिया गया है.
पूछताछ में शैलेश ने विगत दो साल में आठ से 10 प्रसव कराना स्वीकार किया है. एसडीएम निर्भय साहू ने बताया कि यहां असुरक्षित प्रसव कराने की शिकायत लगातार मिल रही थी. इसलिए निरिक्षण किया गया, तो कई ऐसे सामग्री मिला है जो नर्सिंग एक्ट के उल्लंघन पाया गया. क्लीनिक को सील कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. डॉ शैलेश ने कहा कि डॉक्टर हूँ कोई पीड़ित घर आए तो उसका सामान्य उपचार मेरे द्वारा किया जाता है जो मेरा पेशा है.