नई दिल्ली। दिल्ली के दौरे पर गईं राज्यपाल अनुसुईया उइके ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में संविधान के पाँचवीं अनुसूची के प्रावधानों को लागू करने के साथ अनुसूची के तहत राज्यपालों को दी गई संवैधानिक शक्ति के प्रयोग के निर्देश दिये जाने का भी आग्रह किया.

सुश्री उइके ने राष्ट्रपति से देश की अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति के लिए भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के अनुसार आदिवासी सलाहकार समिति की प्रभावी भूमिका और जिम्मेदारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध भी किया.
राज्यपाल ने कहा कि कुछ संस्थाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर, राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर नेशनल ट्राइबल काउंसिल, स्टेट ट्राइबल काउंसिल तथा डिस्ट्रीक्ट ऑटोनोमश काउंसिल का गठन करने का आग्रह किया है.

इसके अलावा पेसा कानून के अंतर्गत नियम बनाकर पूरी तरह क्रियान्वित करने का आग्रह किया. वहीं राज्यों में समय-समय पर ट्राइबल एडवायजरी काउंसिल बैठक हो और राज्यपाल से सलाह लेने के बाद आदिवासी कल्याण के नीतियां बनाने और लागू करने की बातकही है. संस्था ने यह भी आग्रह किया था आदिवासियों के उपयोजना की राशि को आदिवासियों के विकास में पूरी तरह उपयोग किया जाए. इसके अलावा राज्यपाल ने अन्य मुद्दों पर चर्चा की.

इसके पहले राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को ‘कोरोना काल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका’ पुस्तिका के अलावा प्रतीक चिन्ह भेंट किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यपाल से छत्तीसगढ़ में वर्षा और कृषि की स्थिति की जानकारी ली राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद, पांचवी अनुसूची, परियोजनाओं हेतु भूमि अधिग्रहण इत्यादि विषयों पर चर्चा की. 

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राज्यपाल ने निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में स्थापित होने वाली उत्खनन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के बदले भूमिस्वामी को उस परियोजनाओं के लाभांश में शेयर होल्डर बनाने या भूमि के उपयोग के लिए वार्षिक या मासिक किराया देने के संबंध में भी चर्चा की.