सरकार ने 50 से अधिक उम्र के कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट का आदेश दिया है. कर्मचारियों में इस फैसले से हाहाकार मचा हुआ है. काफी चिंता का माहौल देखने को मिल रहा है. विभागीय कामकाजों में शिथिलता बरतने वाले और भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्त करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में सरकार के सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दे दिया है और इस पर 31 अगस्त तक फैसला लेना है.
इस फैसले के अंतर्गत यूपी में 50 से अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट का आदेश दिया गया है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सरकारी विभागों में कार्यरत 50 साल से अधिक उम्र वालों को जबरन रिटायरमेंट वाले मामले में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने मंगलवार 5 जुलाई को सभी विभागों में 50 वर्ष तक की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग 31 जुलाई तक करने का आदेश जारी किया है. कहा गया है इसके तहत 50 साल की उम्र पूरी कर चुके अक्षम सरकारी कर्मचारियों को चिन्हित कर जबरन रिटायरमेंट देने की बात कही जा रही है.
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बता दें कि यूपी में सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने का आदेश कर्मचारियों को 33 सालों में छठी बार मिला है. सरकार की ओर से मिले आदेश के मुताबिक भ्रष्ट, गंभीर बीमारी, काम न करने वाले और जांच में फंसे कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट पर 31 जुलाई तक फैसला करना होगा. ऐसे कर्मचारी जिनकी आयु 31 मार्च 2022 को 50 वर्ष या इससे अधिक होगी वह स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे और उन्हें 15 अगस्त तक स्क्रीनिंग के निर्देशकों का पालन करना होगा. यह अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश सबसे पहले फरवरी 1989 में जारी किया गया था.
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