रायपुर। छत्तीसगढ़ में मूलनिवासियों के हितों, अधिकारों, संरक्षण और संवर्धन के मामले को लेकर राज्यपाल अनुसुईया उइके बेहद संवेदनशील और गंभीर हैं. वे लगातार आदिवासियों के प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात कर रही हैं, उनकी समस्याओं को सुन रही हैं. यही वजह है कि, जो आदिवासी अभी तक राजभवन में पहुँचने में हिचकते थे, वे अब नई राज्यपाल के पास न सिर्फ़ अपने वाजिब अधिकारों को लेकर पहुँच रहे हैं, बल्कि शिकायतें भी कर रहे हैं. राज्यपाल उइके भी उन शिकायतों को लेकर बेहद संजीदा और गंभीर है.

ऐसे ही एक गंभीर मामले में संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने स्वास्थ्य सचिव को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं. मामला दो आदिवासी युवतियों की नौकरी से संबंधित है. इस मामले में आदिवासी विकास परिषद के जिला संरक्षक पी.एन.कश्यप के नेतृत्व में दोनों युवतियों को लेकर आदिवासी प्रतिनिधि मंडल राजभवन पहुँचा. प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी दी. नौकरी से निकाली गईं युवती दानेश्वरी कंवर और नंदनी ध्रुव ने राज्यपाल से शिकायत करते हुए कहा, कि व्यवसायिक परीक्षा मंडल की ओर से निकाले गए स्वास्थ्य संयोजक पद की परीक्षा उन्होंने पास की है. परीक्षा पास करने के बाद उनकी नियुक्ति जिले में महिला स्वास्थ्य संयोजक पद हुई. लेकिन अब उन्हें 1 वर्ष की नौकरी के बाद बिना कारण जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने हटा दिया है.

इस मामले को राज्यपाल ने बेहद गंभीरता न सिर्फ़ लिया, बल्कि तत्काल उन्होंने संबंधित मामले में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश स्वास्थ्य सचिव को दिए. राज्यपाल ने प्रतिमंडल को यह भी आश्वत किया कि इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखेंगी.