रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राज्य के समस्त शासकीय व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचाव के लिए विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों के माध्यम से आमजनों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. पत्र में राज्यपाल उइके ने कहा है कि इस समय प्रदेश एवं देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है. जिसकी वजह से संसाधनों की कमी के साथ ही साथ आर्थिक गतिविधियॉं भी प्रभावित हो रही हैं. आमजनों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए और प्रभावितों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये निरंतर सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा वर्चुअल मीटिंग और सोशल मीडिया, प्रिन्ट, इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से आमजनों को सजग करने और संबंधित जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये जा रहे हैं. विगत दिनों भारत के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअल बैठक के माध्यम से इस महामारी से निपटने के लिये सुझाव दिये गये हैं कि महामारी से निपटने के लिये जन भागीदारी को बढ़ाए जाने की सख्त आवश्यकता है. इस संक्रमण से बचने के लिये देश के सभी नागरिकों को अपने कर्त्तव्यों एवं मूल्यों को निभाना है.

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विश्वविद्यालय के कुलपतियों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं की भागीदारी को बढाकर जागरूकता पैदा की जा सकती है. आयुष के प्रति आमजनों में जागरूकता बढानें से औषधियों और उपकरणों की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है. महामारी के संक्रमण से बचने के लिये इससे निपटने के प्रयासों को मिशनमोड (अभियान के रूप में) में युद्धस्तर पर संचालित करने की आवश्यकता है. कोविड प्रोटोकाल, कोविड बिहेवियर जो कि समय समय पर सरकार द्वारा जारी किये गये हैं उनका पालन कराया जाना आवश्यक है.

कोरोना महामारी से बचने के लिये टीकाकरण प्रारंभ हो चुका है, लेकिन टीकाकरण के प्रति जागरूकता का अभाव है. टीकाकरण के लिये लोगों को जागरूक करने की महती आवश्यकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मार्गदर्शन दिया गया है कि महामारी से बचाव के लिये दूरस्थ ग्रामीण अंचलों, कस्बों और शहरों में निवासरत आम नागरिकों को जागरूक करने में विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक बहुत उपयोगी हो सकते हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय – महाविद्यालयों के छात्रों, राष्ट्रीय सेवा योजना, स्थानीय कलाकारों द्वारा नुक्कड नाटकों के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने का आग्रह किया गया है.

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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव का सबसे कारगर उपाए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना हैं. इसी प्रकार से हाथों को नियमित रूप से धोना और सेनेटाईज करने से भी इस बीमारी से बचा जा सकता है. इसमें मुख्य रूपसे ”दो गज दूरी मास्क है जरूरी“ का नारा भी कारगर साबित हो सकता है.

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं सहित प्राध्यापकों, अधिकारियों, कर्मचारियों को कोरोना वायरस कोविड 19 के रोकथाम के लिये सक्रिय एवं जागरूक करने के निर्देश सभी कुलपतियों को दिए हैं. उन्होंने निर्देशित किया है कि इसके लिए विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के प्राध्यापकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं को मेसेज, ई-मेल, बेबसाईट, व्हाटसएप, फेसबुक, टयूटर, इंस्टाग्राम, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जागरूकता  एवं टीकाकरण अभियान के लिये प्रेरित करें. साथ ही उन्हें अपने आस-पास के व्यक्ति, परिवार के सदस्यों को भी सक्रिय एवं जागरूक करने के लिए प्रेरित करें। कोविड से डरें नहीं, मुकाबला करें और आत्मबल एवं संयम बनाये रखें.

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कोरोना वाइरस कोविड-19 से बचाव एवं इसके विस्तार को रोकने के लिये हम सभी को मिलकर यथासंभव प्रयास करने की आवश्यकता है तभी हमें इस महामारी से बचने में सफलता प्राप्त हो सकती है. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि विश्वविद्यालय छात्र छात्राओं के माध्यम से आमजनों में जागरूकता लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किये गये प्रयासों से समय समय पर अवगत कराने के निर्देश दिए हैं.

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