जम्मू. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया है. इस तरह अब राज्य में सरकार बनाने के रास्ते बंद हो गए हैं. इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा किया था.
उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया. वहीं पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी गर्वनर को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा किया था. उन्होंने दावा किया कि उनके पास बीजेपी और 18 अन्य विधायकों का समर्थन है.
आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने राज्य विधानसभा को जम्मू कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत भंग किया. धारा 53 के तहत विधानसभा को भंग किया गया है. राज्यपाल के फैसले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस 5 महीने से विधानसभा भंग करने की कर रही थी. यह सिर्फ एक संयोग नहीं हो सकता है कि महबूबा मुफ्ती साहिबा के पत्र के कुछ मिनटों के भीतर विधानसभा को भंग करने का आदेश अचानक प्रकट होता है.’
विधानसभा को भंग करने से कुछ ही समय पहले महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस के समर्थन से राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया था. मुफ्ती ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लिखे पत्र में कहा कि राज्य विधानसभा में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके 29 सदस्य हैं. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘मैंने आज दोपहर भी कहा था कि यह एक सुझाव है और अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है पीडीपी-एनसी-कांग्रेस गठबंधन पर लेकिन बीजेपी ने असेंबली भंग कर दी. इससे उनकी मंशा जाहिर हो जाती है.