कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद कई इलाकों में जमकर हिंसा हुई. इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग भयभीत हो गए और हजारों लोग राज्य छोड़कर असम के शिविरों में पहुंच हुए हैं. वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल लगातार हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं. राज्यपाल जगदीप धनकड़ शनिवार को नंदीग्राम में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे. यहां मौजूद ग्रामीणों ने हिंसा वाली रात की घटना राज्यपाल को सुनाई. इस दौरान बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी दुख भरी दास्तां सुनाई.

बंगाल कोरोना और हिंसा से जूझ रहा

राज्यपाल धनकड़ ने कहा कि देश इस वक्त कोरोना संकट से गुजर रहा है. जबकि बंगाल कोरोना और हिंसा दोनों से जूझ रहा है. राज्य पर दोहरी मार पड़ रही है. यह बहुत ही दुखद स्थिति है. इस संकट के दौरान लोग अपने घर-परिवार छोड़ने को मजबूर हैं, लोग शिविरों में शरण लिए हुए हैं. असामाजिक तत्वों द्वारा पीड़ित परिवारों के साथ अन्याय किया गया है. उनके परिवार के बहू-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया गया है.

राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस समस्या पर गंभीरता पूर्वक ध्यान दें और सभी पीड़ितों को पुनर्वास, मुआवजा और शांति व्यवस्था बनाने की दिशा में कदम उठाएं. साथ ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.

ममता ने राज्यपाल पर साझा निशाना

वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल के दौरे पर निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल का यह दौरा पूरी तरह से असंवैधानिक है.

हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात

बता दें कि चुनाव बाद राज्य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच लड़ाई हुई, जिसमें कई घरों में महिलाओं, बच्चों को भी निशाना बनाया गया. शुक्रवार को राज्यपाल धनकड़ ने असम के कैंपों का दौरा किया. वहीं बंगाल के कूच बिहार में भी पीड़ितों से मुलाकात की थी. सितलकूची में राज्यपाल को काले झंडे दिखाए गए और वापस जाओ के नारे लगाए.

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