अंकुर तिवारी, धमतरी। बस्तर में चल रहे आदिवासी समाज के आंदोलन पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में शासन-प्रशासन को आदिवासियों से समन्वय बनाकर काम करने कहा गया है, जिससे आंदोलन की नौबत न आए. आदिवासी बहुत सीधे-सादे होते हैं, उनको अंदर के षड़यंत्रकारी मिसगाइड करते हैं, और उनके कहने पर इस तरह के आंदोलन करते हैं.
राज्यपाल अनुसुईया उइके बुधवार को बालोद जिले के राजाराव पठार में आयोजित वीर मेला में शामिल होने पहुंची. आयोजन से पहले धमतरी के रेस्ट हाउस में मीडिया से चर्चा में राज्यपाल उइके ने बस्तर में चल रहे आदिवासी समाज के आंदोलन पर बेबाकी से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में प्रशासन को समस्त लोगों के साथ बैठ कर विचार-विमर्श करने के बाद ही कोई काम शुरू करना चाहिए, और आदिवासियों को इसका फायदा बताना चाहिए.
राज्यपाल ने यह भी कहा कि आदिवासी इलाकों में आवागमन के साधन नहीं है, आज भी जंगलों में रहने वाले आदिवासियों को पैदल यात्रा करना पड़ता है. सुरक्षा बलों के कैंप आने से सड़क और पुलिया बनेगा इससे आदिवासियों को फायदा होगा. लेकिन जब राज्यपाल से पूछा गया कि आदिवासियों को कौन भड़का रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि इसका पता नहीं है कि कौन आदिवासियों को भड़का रहा है, सबको स्वतंत्रता है आंदोलन करने की. यदि कोई मांग मेरे संज्ञान में आती है, तो उस पर प्रशासन से बात करूंगी.