रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-फितर पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है. राज्यपाल ने कहा कि ईद-उल-फितर का पर्व पवित्र महीना रमजान के माह भर के कठिन उपवास के बाद आता है. नेकी और भलाई करने का संदेश देता है. उन्होंने कामना की है कि ईद का पर्व सभी के जीवन में खुशियां और भाई-चारे लेकर आएगा. अमन-चौन, सौहार्द्र और एकता का संदेश देगा.

राज्यपाल ने कहा कि इस अवसर पर मैं इबादत करती हूं कि देश और प्रदेश को जल्द कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिले. साथ ही लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शासन के दिये गये के निर्देश का पालन करते हुए पर्व मनाएं.

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मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा है कि ईद का यह पर्व परस्पर प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारे का प्रतीक है. यह पर्व हमें ऊंच-नीच, छोटे-बडे़ का भेदभाव भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाने का संदेश देता है. ईद, वास्तव में सामाजिक समरसता का त्यौहार है. मुख्यमंत्री ने खुशी के इस पर्व को लोगों से सदभाव के साथ मनाने की अपील की है. मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों से घरों में ही नमाज अदा करने और देश-प्रदेश की तरक्की, खुशहाली और अमन-शांति के लिए दुआ करने की अपील की है.

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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि ईद भाई चारे व आपसी मेल का त्यौहार है. ईद के दिन लोग एक दूसरे के दिल में प्यार बढ़ाने और नफरत को मिटाने के लिए एक दूसरे से गले मिलते हैं. यह पर्व त्याग और अपने मजहब के प्रति समर्पण को दर्शाता है. यह बताता है कि एक इंसान को अपनी इंसानियत के लिए इच्छाओं का त्याग करना चाहिए, जिससे कि एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके.

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छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-फितर की बधाई दी है. उन्होंने मुस्लिम समाज से इस पर्व को कोरोना महामारी के चलते घरों पर अपने परिवार के बीच ही मनाते हुए कोरोना मुक्ति के लिए नमाज अता करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि रजमान के पाक महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह एक दिन अपने बंदों को बख्शीश और इनाम देते हैं. जिसे मुस्लिम भाई ईद के रूप में मनाते हैं और रोजा रखने की ताकत देने के लिए अल्लाह का धन्यवाद देते है.

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