बिहार से लगे राज्य झारखंड में इस साल 15 अगस्त का स्वतंत्रता दिवस समारोह में वर्षो पुरानी परंपरा में बदलाव किया जा रहा है. इस बार रांची के मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार तिरंगा फहराएंगे. आमतौर पर झारखंड में मुख्यमंत्री रांची में और राज्यपाल राज्य की उप-राजधानी दुमका में ध्वजारोहण करते हैं, लेकिन इस बार हालात बदल गए हैं.

फैसले के पीछे की वजह

दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक, वरिष्ठ आदिवासी नेता शिबू सोरेन का 4 अगस्त को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया. 81 वर्षीय शिबू सोरेन को ‘गुरुजी’ के नाम से पूरे राज्य में जाना जाता था. उनके निधन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन दिनों अपने पैतृक गांव नेमरा में हैं, जहां 15 अगस्त को वे पिता के श्राद्ध कर्मकांड में शामिल होंगे.

राज्यपाल ने स्वीकार किया सरकार का प्रस्ताव

राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री के अनुपस्थित रहने के कारण इस साल राज्यपाल से मोरहाबादी में ध्वजारोहण करने का प्रस्ताव रखा गया. राज्यपाल गंगवार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. यानी इस बार राजधानी रांची में राज्यपाल का संबोधन और ध्वजारोहण होगा, जबकि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल नहीं रहेंगे.

‘एट होम’ कार्यक्रम भी राजभवन में

हर साल की तरह इस बार भी ‘एट होम’ कार्यक्रम का आयोजन राज्यपाल के निवास राजभवन में होगा. इसमें राज्य के गणमान्य लोग, अधिकारी, स्वतंत्रता सेनानी और अन्य आमंत्रित मेहमान शामिल होंगे. यह कार्यक्रम भी स्वतंत्रता दिवस का अहम हिस्सा होता है.

शिबू सोरेन का राजनीतिक सफर

शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति में एक बड़ा नाम रहे हैं. उन्होंने न सिर्फ झामुमो की स्थापना की, बल्कि अलग झारखंड राज्य के गठन में भी अहम भूमिका निभाई. वे कई बार सांसद और राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे. उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर है. स्वतंत्रता दिवस जैसे बड़े मौके पर भी उनकी कमी महसूस की जाएगी.

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