रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज छत्तीसगढ़ राज्य के पांचवी विधानसभा के नववर्ष 2020 में आयोजित प्रथम सत्र के अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अल्प समय में अपनी उत्कृष्ट कार्यप्रणाली से जो गौरवशाली परम्पराएं स्थापित किए हैं, वह इस विधानसभा के इतिहास में सुनहरे पन्ने के रूप में दर्ज हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज इस विधानसभा में आने का मेरा पहला अवसर है, जिसकी सुखद अनुभूति मुझे भावुक भी कर रही है और एक नई ऊर्जा से ऊर्जित भी कर रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ विधानसभा की कीर्ति-पताका को ऊंचा करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि आप सब प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने में अपना योगदान पूरे मनोयोग से करें, इसके लिए मेरी शुभकामनाएं।
राज्यपाल उइके ने कहा कि मेरे लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का विषय है कि नये वर्ष में छत्तीसगढ़ विधानसभा के कार्यकलापों की शुरूआत एक विशेष अवसर के रूप में हो रही है, जिससे हमें भारत के महान और पावन संविधान के प्रति अगाध निष्ठा, प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने का अवसर मिला है। इससे हमें संविधान के प्रति अपने कर्तव्य निभाने का अवसर मिला है। भारतीय संविधान में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की समय-सीमा बढ़ाये जाने के लिए जो निर्धारित प्रक्रिया है, उसे पूरा करने में आपकी भागीदारी दर्ज होना, निश्चय ही बड़े सौभाग्य का विषय है।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह कहते हुए बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है कि मेरी सरकार ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों को बेहतर जिन्दगी की रोशनी दी है। इन वर्गों के प्रति संवेदनशीलता और इन्हें संविधान प्रदत्त अधिकारों से सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता ने मेरी सरकार के प्रति विश्वास के एक नये युग की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा अपनी परम्परा के अनुरूप लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की चुनौती स्वीकार करेगी। राज्यपाल ने कहा कि आप सबकी सक्रियता और योगदान से ही लोकतंत्र का यह मंदिर जनता जनार्दन की आकांक्षाओं को पूरा करने में सफल होगा।