दिल्ली. मोदी सरकार के कार्यकाल को खत्म होने में कुछ ही महीने बाकी हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली इस सरकार का पहला अंतरिम बजट 1 फरवरी 2019 को पेश करेंगे।
अंतरिम बजट को लेखानुदान मांग और मिनी बजट भी कहा जाता है, वोट ऑन अकाउंट के जरिए सीमित अवधि के लिए सरकार के जरुरी खर्च को मंजूरी मिलती है। जिस साल लोकसभा चुनाव होता है उस साल सरकार अंतरिम बजट पेश करती है।
अंतरिम बजट में डायरेक्ट टैक्स, जिसमें Income Tax शामिल है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाता। माना जा रहा है ये अंतरिम बजट केंद्र की मोदी सरकार के लिए बेहद खास होगा। सरकार लोकसभा चुनावों से पहले इसमें पॉपुलर योजनाओं का ऐलान करेगी।
सरकार इसके अलावा आर्थिक और वित्तीय मामलों से जुड़ा अपना Vision भी पेश करेगी और सरकार अब तक पेश अपनी योजनाओं के बारे में भी जानकारी देगी।
गौरतलब है कि वर्तमान मोदी सरकार ने बजट के मामले में कई अहम बदलाव कर दिए हैं और फरवरी के अंत में बजट पेश करने की परंपरा खत्म कर दी थी। फरवरी की शुरुआत में बजट पेश होने से वित्त वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल से ही मंत्रालयों को बजट का पैसा आवंटित कर दिया जाता है बताया जाता है कि इससे सरकार के विभागों को बजट का पैसा खर्च करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।