शिखिल ब्यौहार, भोपाल। राजधानी भोपाल में आयोजित “महाराणा प्रताप स्मारक” के शिलान्यास कार्यक्रम का सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सीएम ने कहा- चेतक पर चढ़ जिसने,भाले से दुश्मन संघारे थे। मातृभूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे। झुके नहीं वो मुगलों से, अनुबंधों को ठुकरा डाला, मातृभूमि की भक्ति का एक नया प्रतिमान बना डाला। ऐसे थे हमारे वीरता, शौर्य और पराक्रम के धनी वीर योद्धा महाराणा प्रताप जी, उनके चरणों में नमन करता हूं। 

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वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि राजधानी में भव्य महाराणा प्रताप स्मारक की स्थापना की जाएगी। स्मार्ट सिटी क्षेत्र में साढ़े तीन एकड़ क्षेत्र में वीर पराक्रमी राजपूत शासक के नाम पर यह स्मारक विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को टीटी नगर स्टेडियम रोड पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में महाराणा प्रताप स्मारक की आधारशिला रखी। सरकार ने इसका 3D वीडियो भी जारी किया है। जिसमे महाराणा प्रताप की जीवन गाथा का चित्रण दर्शाया गया है, इसमें चित्तौड़गढ़ और मेवाड़ की संस्कृति की भी झलक होगी। शहर के सबसे पॉश इलाके तात्या टोपे नगर में बनेगा महाराणा प्रताप लोक 

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कार्यक्रम के मंच पर सीएम शिवराज के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, अरविंद भदौरिया, उषा ठाकुर भी मौजूद रही। इस कार्यक्रम में प्रदेश के राजपूत समाज के अनेक प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तावित महाराणा प्रताप स्मारक के स्वरूप को लेकर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।  

मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan की गरिमामयी उपस्थिति में भोपाल में "महाराणा प्रताप स्मारक" के शिलान्यास के अवसर पर लघु फिल्म का प्रस्तुतिकरण किया गया।आप भी देखिए, कितना भव्य होगा "महाराणा प्रताप स्मारक' #शिवराज_में_राजपूत_सम्‍मान

Posted by CM Madhya Pradesh on Thursday, September 28, 2023

गौरतलब है कि इसी साल 22 मई को महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर लाल परेड मैदान पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजधानी में भव्य महाराणा प्रताप लोक बनाने की घोषणा की थी। इसके साथ-साथ सीएम ने यह भी कहा था कि मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप जी की शूरता और वीरता की कहानियां पढ़ाई जाएंगी। सीएम ने कहा यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं भावनात्मक कार्यक्रम है। मैं अपने हृदय की संपूर्ण श्रद्धा से इस प्रोजेक्ट को शुरू कर रहा हूं। 

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सीएम शिवराज ने कहा महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लिए अभी आपने एक फिल्म देखी छोटी सी वैसी उनकी भव्य प्रतिमा लगेगी। उनके साथ बप्पा रावल, हुमान प्रथम, महाराणा हम्मीर, महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा, महाराणा उदय सिंह के जीवन चरित्र की प्रदर्शनी भी लगेगी। महाराणा की जीवनी पर 20 मिनट की एक फिल्म प्रदर्शनी के लिए यहां इंटरप्रिटेशन सेंटर भी बनेगा ताकि वो फिल्म लोग देखे।

मेवाड़ एवं राणा प्रताप जी के जीवन की घटनाओं और कलाकृतियों को प्रदर्शित करने के लिए गैलरी बनाई जाएगी। लैंड एस्केप एरिया में खुली गैलरी के माध्यम से महाराणा प्रताप द्वारा वन में व्यतीत किए गए कालखंड का पूरा प्रदर्शन किया जाएगा। चित्तौड़ में महाराणा कुम्भा द्वारा बनाए गए विजय स्तंभ की प्रकृति भी लगेगी।

2000 लोगों के बैठने की क्षमता का एक आकाशीय मंच होगा। जहां महाराणा जी के शौर्य, पराक्रम, त्याग और बलिदान पर आधारित लाइट एंड साउंड शो भी होगा।निकास मार्ग पर प्रमुख युद्धों के भित्ति चित्र की प्रदर्शनी भी होगी। 3D कलाकृतियों का चित्रण होगा और आने जाने वालों के लिए जन सुविधा, कैफेट एरिया वगैरा  भी बनाई जाएगी। सीएम ने कहा मेरे प्रिय बहनों और भाइयों, अपने हृदय की संपूर्ण श्रद्धा उड़ेल कर हमने महाराणा प्रताप लोक बनाने का फैसला किया है।

हल्दी-घाटी जैसा कोई युद्ध हुआ होगा ?

सीएम शिवराज ने अपने संबोधन के दौरान महाराण प्रताप के हल्दी घाटी युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, 30 हजार की सेना का मुकाबला 3000 से, मुगल उनके नाम से कांपते थे, अकबर की सेना को घुटनों पर ला दिया था और उनकी माँ ने उनको बचपन से शिक्षा दी थी कि बेटा कभी निहत्थे शत्रु पर वार मत करो, अगर निहत्ता हो तो पहले तलवार दो फिर ललकारो और यही वजह थी कि महाराणा प्रताप 72 किलोग्राम का कवच पहनते थे, अपना तो वजन ही 72 किलो नहीं है ।

72 किलो का कवच और 80 किलो का भाला और दो-दो तलवारें लेकर उतरते थे रण में, दो-दो तलवारें… और दो तलवार इसलिए कि अगर शत्रु निहत्ता हो जाए तो एक तलवार उसके हाथ में थमा दी जाए ।ऐसे वीर कई महावीर कहीं देखें हैं और उनकी सेना भेल सरदार पुंजा, आलामन,  रामसात कंवर, उनके पुत्र भामा शाह , उनके लिए प्राणों को दांव पर लगाकर लड़े और महाराणा प्रताप थे जिन्होंने छापामार युद्ध भी शुरू किया और लोक नायक बन गए उन्होंने कहा था घांस-फूंस की रोटी खा लूंगा लेकिन मेवाड़ की स्वाधीनता से समझौता नहीं करूंगा ।

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