Green Energy IPO: भारत का नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र तेजी से नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है. आने वाले महीनों में इस सेक्टर में करीब 25,000 करोड़ रुपये के आईपीओ लॉन्च होने की तैयारी है. निवेशकों के लिए यह सिर्फ एक मौका नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलने वाले ग्रीन रेवोल्यूशन का हिस्सा बनने का अवसर है.

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Green Energy IPO

Green Energy IPO

कौन-कौन सी कंपनियां लाइन में हैं? (Green Energy IPO)

इस रेस में कई नाम शामिल हैं. एम्वी फोटोवोल्टिक और जुनिपर ग्रीन एनर्जी, दोनों लगभग 3,000 करोड़ रुपये के IPO लाने वाली हैं. वहीं, प्रोज़ील ग्रीन एनर्जी (700 करोड़), रीग्रीन-एक्सेल ईपीसी इंडिया (500 करोड़) और सात्विक ग्रीन एनर्जी (1,150 करोड़) ने भी SEBI के दरवाजे खटखटाए हैं. इनमें से कुछ कंपनियों को हरी झंडी भी मिल चुकी है.

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NTPC Green Energy ने दी सेक्टर को नई उड़ान (Green Energy IPO)

पिछले साल नवंबर 2024 में आया NTPC Green Energy का 10,000 करोड़ रुपये का मेगा IPO इस सेक्टर के लिए गेमचेंजर साबित हुआ था. उसके बाद से निवेशकों का रुझान और कंपनियों का आत्मविश्वास दोनों ही बढ़े हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब यह सेक्टर परिपक्वता की ओर बढ़ चुका है और इक्विटी मार्केट इसमें अहम भूमिका निभाने जा रहा है.

2030 के मिशन के लिए चाहिए भारी पूंजी (Green Energy IPO)

भारत ने 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 500 GW तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जबकि मौजूदा क्षमता करीब 242 GW है. इस महत्वाकांक्षी टारगेट को हासिल करने के लिए हर साल 20-25 बिलियन डॉलर की फंडिंग जरूरी है. IPO के जरिए जुटाई जाने वाली पूंजी इस दिशा में बड़ा योगदान देगी.

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बड़े नाम भी तैयार कर रहे हैं दस्तक (Green Energy IPO)

यह IPO वेव यहीं खत्म नहीं होती. KKR समर्थित हीरो फ्यूचर एनर्जी, जो मुंजाल परिवार द्वारा प्रमोटेड है, लगभग 5,000 करोड़ रुपये के IPO पर काम कर रही है. वहीं, सोलर पैनल बनाने वाली SAEL भी ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल करने की योजना बना रही है. इन दोनों कंपनियों के आने से सेक्टर में और हलचल बढ़ना तय है.

क्यों है IPO पर इतना जोर? (Green Energy IPO)

एलारा कैपिटल के एमडी हरेन्द्र कुमार के अनुसार, FY26 से FY30 के बीच नवीकरणीय ऊर्जा वैल्यू चेन में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये का कैपिटल खर्च अनुमानित है. इसमें से करीब 20% फंडिंग इक्विटी से आनी है. चूंकि इतनी बड़ी राशि सिर्फ कंपनियों की इंटरनल अर्निंग से संभव नहीं है, इसलिए IPO ही सबसे कारगर रास्ता बनता है.

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घरेलू सोलर कंपनियों के लिए सुनहरा मौका (Green Energy IPO)

सितंबर 2025 से सरकार की नई पॉलिसी के तहत घरेलू कंटेंट नियम लागू हो जाएगा. इसका मतलब है कि सरकारी प्रोजेक्ट्स में सिर्फ देश में बने सोलर सेल और मॉड्यूल का इस्तेमाल होगा. इससे लोकल मैन्युफैक्चरर्स को जबरदस्त फायदा मिलेगा. साथ ही रूफटॉप सोलर मिशन भी इस मांग को और बढ़ावा देगा.

साफ है कि आने वाले समय में ग्रीन एनर्जी सेक्टर IPO मार्केट का सबसे बड़ा आकर्षण बनने वाला है. सवाल यह है कि इन 25,000 करोड़ के इश्यूज़ में कौन-सी कंपनी निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न देगी और कौन पीछे रह जाएगी. इसका जवाब तो लिस्टिंग के बाद ही मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि यह सेक्टर आने वाले दशक का सबसे हॉट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनने जा रहा है.

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