नई दिल्ली . दिल्ली नगर निगम में महापौर और उपमहापौर के पद पर होने वाले चुनाव पर संशय समाप्त हो गया है. दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बुधवार को निगम प्रशासन को दोनों पदों पर चुनाव कराने के लिए अनुमति दे दी है.

इस संबंध में चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भी लिखा है. कि आदर्श आचार संहिता के तहत चुनाव आयोग को महापौर व उपमहापौर पद के चुनाव कराने से कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद दोनों पदों पर शुक्रवार को चुनाव कराने की अनुमति दी गई. हालांकि, निगम को उपराज्यपाल कार्यालय से पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है. इस संबंध में निगम के अधिकारियों ने कहा है कि उपराज्यपाल कार्यालय से गुरुवार को नियुक्ति के संबंध में सूचना मिलने की उम्मीद है. निगम के नियम अनुसार, नए वित्तीय वर्ष में सदन की बैठक होना अनिवार्य है. अभी लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है. ऐसी परिस्थिति में निगम प्रशासन ने चुनाव कराने के लिए अनुमति मांगी थी.

मेयर का चयन होना इसलिए जरूरी

नए वित्तीय वर्ष के शुरुआत में महापौर का चयन होना जरूरी है. सदन की बैठक में प्रस्तुत होने वाले एजेंडे पर महापौर की तरफ से चर्चा कराई जाती है. निगम आयुक्त एजेंडे में शामिल होने वाले सभी प्रस्तावों को तय करते हैं. वहीं, महापौर एजेंडे को सदन में सभी पार्षदों के साथ चर्चा करते हुए उसे पास कराते हैं. नए वित्तीय वर्ष के लिए कई परियोजनाओं से जुड़े प्रस्ताव को सदन में स्वीकृत होना जरूरी है, इसलिए महापौर का चयन करने के लिए चुनाव कराया जा रहा है.

शुक्रवार को मनोनीत विधायक डालेंगे वोट

महापौर और उपमहापौर पद के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. इन दोनों पदों पर निगम के सभी 250 पार्षद, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से मनोनीत किए गए 14 विधायक मतदान करेंगे. साथ ही दिल्ली के मौजूदा लोकसभा सांसद और राज्यसभा सदस्य भी मतदान करेंगे. इससे पहले फरवरी 2022 के दौरान महापौर के चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षदों के बीच टकराव की स्थिति नजर आई थी. शुक्रवार को भी इसी तरह से हंगामे के आसार होने की स्थिति बनने की आशंका है.