तेलंगाना- हैदराबाद में आज हुई जीएसटी काउंसिंल की बैठक में इमली औऱ फूटा चना पर लगने वाले जीएसटी में कटौती कर दी गई. जीएसटी काउंसिंल के सदस्य और छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने बैठक में छत्तीसगढ़ की ओऱ से ये प्रस्ताव रखा था, जिस पर काउंसिंल ने सहमति दे दी. अब इमली और फूटा चना पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले जीएसटी 12 प्रतिशत रखा गया था.
लल्लूराम डाॅट काॅम से हुई खास बातचीत में अमर अग्रवाल ने बताया कि इमली और फूटा चना में जीएसटी 5 प्रतिशत किए जाने का बड़ा फायदा छत्तीसगढ़ को होगा. प्रदेश में यह मांग लंबे समय से उठाई जा रही थी. जीएसटी काउंसिंल की बैठक में प्रदेश की ओर से यही प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे मंजूरी दे दी गई.
इधर जीएसटी कम होने के मामले पर वाणिज्य कर विभाग के अपर आयुक्त एस एल अग्रवाल ने लल्लूराम डाॅट काम से कहा कि इमली औऱ फूटा चना पर जीएसटी कम होने से बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को होगा. खासतौर पर बस्तर जैसे इलाके जहां आदिवासियों के जीवनयापन का बड़ा सोर्स इमली रहा हैं, उन आदिवासियों के लिए यह अच्छी खबर है. इमली पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगने पर आदिवासियों को उनकी मेहनत का वाजिब हक नहीं मिल पा रहा था. अब उन्हें फायदा होगा.
जीएसटी लागू होने के बाद काउंसिल की यह तीसरी बैठक है. गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के दौरान चार टियर टैक्स लागू हुए थे. एक 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत टैक्स लगाये गये थे.
जीएसटी काउंसिंल की बैठक में झाड़ू, साड़ी फॉल, मिट्टी की मूर्तियां, खादी, हवन सामाग्री जैसे वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स पर विचार किया गया. वहीं काउंसिल पैकेज्ड फूड के लिए ट्रेडमार्क फ्रेमवर्क जैसे मामलों पर चर्चा किए जाने की खबर है. इस बैठक में करीब 30 चीजों पर टैक्स की मौजूदा दरों की समीक्षा की गई. जिसके तहत 20 इंच के कंप्यूटर मॉनिटर पर दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने, रबर बैंड पर दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने, कस्टर्ड पाउडर पर दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने और साड़ी के फॉल पर दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने के मुद्दे पर राय़शुमारी की गई. इसके अलावा जीएसटी टैक्स को लेकर कई जगह पैदा हुए भ्रम और व्यवसायियों को होने वाले परेशानियों को लेकर भी चर्चा की गई.