नई दिल्ली। पूरे देश में 1 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो गया. अब केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले 17 केंद्रीय और राज्य स्तरीय टैक्स के साथ-साथ 23 अलग-अलग तरह के सेस के बदले केवल जीएसटी देना होगा. . सरकार की इस बहुप्रतिक्षित योजना के लागू होने के बाद नमक, तेल, साबुन जैसी रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
जीएसटीका मकसद ‘टैक्स पर टैक्स’ को खत्म करना है, इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि समय के साथ वस्तुओं तथा उत्पादों पर कर का बोझ कुल मिलाकर कम ही होगा. जीएसटी के तहत खुले अनाज, गुड़, दूध, अंडे और नमक जैसी बहुत-सी आवश्यक वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं महंगी हो जाएंगी, क्योंकि जीएसटी के तहत इन्हें मौजूदा 15% की स्लैब से निकालकर 18% की दर में रखा गया है.
जीएसटी (GST) के तहत कारोबारियों को आनलाइन रिटर्न फाइल करनी होगी. इसके लिए पूरा नेटवर्क ढांचा जीएसटी नेटवर्क यानी जीएसटीएन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. अब तक 10 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यापारी वैट का भुगतान कर रहे थे, लेकिन उन्हें उत्पाद शुल्क से छूट दी गई थी. लेकिन अब 20 लाख रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाले कारोबारियों को जीएसटी से छूट दी गई है. इसके साथ ही 20 लाख से लेकर 75 लाख रुपये तक का कारोबार करने वालों को एकमुश्त जीएसटी भुगतान की सुविधा दी गई है.
ये प्रमुख टैक्स अब हो जाएंगे खत्म
- सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी
- एडिशनल कस्टम ड्यूटी
- सर्विस टैक्स
- सीवीडी
- एसएडी
- वैट
- सेल्स टैक्स
- मनोरंजन कर
- ऑक्टाय एंड एंट्री टैक्स
- परचेज टैक्स
- लक्जरी टैक्स