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Guar Ki Kheti : ग्वार कम समय में तैयार होने वाली एक फसल है.ग्वार से ग्वार गम निकाला जाता है जो जेल की तरह होता है. इसका उपयोग डेयरी सहित कई तरह के फूड प्रोडक्ट में किया जाता है. डाइट के सप्लीमेंट में भी इसका उपयोग होता है. ग्वार गम का सबसे अधिक उपयोग डेयरी प्रोडक्ट में होता है. जैसे आईसक्रीम, मिल्क शेक, दही और डेजर्ट आदि. यही वजह है कि ग्वार की खेती हमेशा से लाभदायक मानी जाती रही है क्योंकि किसानों को इसमें कभी घाटा नहीं लगता. ग्वार से बनने वाला गम किसानों की अच्छी कमाई कराता है.
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ग्वार को फरवरी-मार्च में आलू, सरसों, गन्ना आदि के खाली पड़े खेतों में बोया जाता है. 2 जून-जुलाई में ग्वार मुख्य रूप से चारे और दाने के लिए पैदा की जाती है. इस फसल की बुआई प्रथम मानसून के बाद जून या जुलाई में की जानी चाहिए.
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65 देशों में निर्यात किया जाता है ग्वार
ग्वार शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाई जाने वाली दलहनी फसल है जो कि एक अत्यन्त सूखा एवं लवण सहनशील है. अत: इसकी खेती असिंचित व बहुत कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है. ग्वार शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के गऊ आहार से हुई है जिसका तात्पर्य गाय का भोजन है. विश्व के कुल ग्वार उत्पादन का 80 प्रतिशत भाग अकेले भारत में पैदा होता है. जोकि 65 देशों में निर्यात किया जाता है.
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