महाराष्ट्र में गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) के 16 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जो आम जनता के साथ-साथ प्रशासन को भी चिंतित कर रहा है. बुधवार को एक महिला की मौत का संदेह है. जबकि गुइलेन बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस बीमारी के कारण अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक 127 GBS मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें से 72 में GBS की पुष्टि हुई है और 20 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. अकेले पुणे में 100 से अधिक मामले हैं.
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स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे की 56 वर्षीय महिला की GBS से मौत हो गई , इसके अलावा उस महिला को पहले से कई बीमारियां थीं. इससे पहले सोलापुर में बीमारी से पीड़ित एक 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत रविवार को हुई थी.
20 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 72 लोगों में बीमारी की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 20 गंभीर बीमार हैं और वेंटिलेटर पर हैं. राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) को मल के 121 नमूने भेजे गए हैं, जिनमें से सभी का “एंटेरिक वायरस पैनल” में परीक्षण किया गया है.
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विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुल 200 नमूने रक्त में NIV भेजे गए हैं, जिसमें 21 नमूनों में नोरोवायरस और 5 मल के नमूनों में कैम्पिलोबैक्टर की पुष्टि हुई है. किसी भी नमूने में जीका, डेंगू या चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हुई है.
GBS होने का कारण
जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जो अचानक सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी का कारण बनती है, जिसके लक्षणों में अंगों में गंभीर कमजोरी, दस्त आदि शामिल हैं. डॉक्टरों का कहना है कि जीबीएस अक्सर जीवाणु और वायरल संक्रमण से होता है, क्योंकि वे रोगियों की प्रतिरक्षा को कमजोर करते हैं, और वर्तमान मामले में बीमारी का संदेह दूषित पानी से शुरू होने का संदेह है.
क्या हैं गुइलेन बैरे सिंड्रोम(GBS)
गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी अपने ही पेरिफेरेल नसों पर गलती से हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता और पैरालाइसिस हो सकता है. प्रारंभिक इलाज से बीमारी को ठीक किया जा सकता है और दो से तीन हफ्ते के अंदर रिकवरी भी हो सकती है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की मौत भी इसी बीमारी से हुई थी, जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विश्व भर में इससे प्रभावित लोगों में से करीब 7.5% लोगों की मौत हो जाती है. हर साल एक लाख लोगों में से एक या दो में गुइलेन बैरे सिंड्रोम होता है, जो एक रेयर बीमारी है.
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