Guillain Barre Syndrome: देश में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से मौत के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने हाल ही में कहा कि गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से संक्रमित लोगों के नमूनों की जांच की जा रही है ताकि बीमारी के प्रसार के कारण का पता लगाया जा सके. इस बीच, पश्चिम बंगाल में जीबीएस से संक्रमित दो लोगों की मौत हो गई.
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पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने घोषणा की है कि राज्य में दो मरीजों की गिलियन-बैरे सिंड्रोम से मृत्यु हो गई है. 10 वर्षीय बच्चे को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
1 सप्ताह तक इलाज बाद हुई मौत
यह बच्चा उत्तर 24 परगना जिले के जगतदल का था और एक सप्ताह तक बीसी रॉय अस्पताल में इलाज किया गया. इसी जिले के एक और मरीज में जीबीएस के लक्षण दिखे, जो सोमवार (27 जनवरी 2025) को NRS मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मौत हो गई.
हुगली में GBS से मौत होने का संदेह
रिपोर्ट के अनुसार, हुगली के धनियाखाली में 48 वर्षीय व्यक्ति की भी गिलियन-बैरे सिंड्रोम से मौत होने का संदेह है. पिछले चार दिनों से वह डायरिया से पीड़ित था और उसके शरीर का निचला हिस्सा पैरालाइज्ड था, इसलिए उसे बुधवार (29 जनवरी 2025) को कोलकाता मेडिकल कॉलेज ले जाने को कहा गया था.
127 मामले आ चुके हैं सामने
महाराष्ट्र के पुणे में आज पहले ही गुलियन बैरी सिंड्रोम से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. अब तक 127 मामले सामने आ चुके हैं, इसकी लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए पुणे में एनआईवी को 200 ब्लड सैंपल भेजे गए हैं.
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स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने गुलियन बैरी सिंड्रोम (GBS) के साथ एक बैठक की, जिसमें स्वास्थ्य सचिव और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए. इस बैठक में सभी सरकारी और जिला अस्पतालों को निर्देश दिया गया कि वे जीबीएस को तुरंत किसी भी मामले की सूचना दें.
बुनियादी स्टॉक रखने के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को प्लाज्मा थेरेपी, वेंटिलेशन सपोर्ट सिस्टम और अंतःशिरा इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन जैसे आवश्यक उपचारों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए हैं.
अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी
स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा करने के बाद अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें बांगुर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज के न्यूरोलॉजिस्ट, बीसी रॉय चाइल्ड हॉस्पिटल के निदेशक, कोलकाता मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के प्रमुख और संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर योगीराज रे शामिल थे.
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