अहमदाबाद। निर्वाचन आयोग ने गुजरात की भाजपा सरकार को जीएसटी की दरों में कटौती वाले विज्ञापनों पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है. चुनाव आयोग का कहना है कि ये विज्ञापन वोटरों पर प्रभाव डाल रहा है और जब तक गुजरात में चुनाव नहीं हो जाते, तब तक इस पर रोक लगाई जाए.
हालांकि चुनाव आयोग ने जीएसटी से संबंधित उस विज्ञापन के प्रकाशन की अनुमति दी है, जिसमें जीएसटी को लेकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है और उसकी सही प्रोसेस क्या है, ये समझाया जा रहा है.
बता दें कि गुजरात में पहले चरण के लिए वोटिंग 9 दिसंबर और दूसरे चरण के लिए वोटिंग 14 दिसंबर को होगी. 18 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे.
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि 14 दिसंबर को जब दूसरे चरण का मतदान भी गुजरात में खत्म हो जाएगा, तब गुजरात सरकार जीएसटी की दरों में कटौती संबंधी विज्ञापन जारी कर सकती है. वहीं इससे पहले निर्वाचन आयोग ने मनरेगा की दूसरी किश्त जारी करने की अनुमति भी गुजरात सरकार को इस शर्त पर दी थी कि वो इसका प्रचार नहीं करेगी.
वहीं चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे वोटिंग पर असर डालने वाला कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं कराएं.
गौरतलब है कि हाल ही में 178 वस्तुओं पर जीएसटी घटा दिया गया था. अब सिर्फ 57 चीजों पर ही 28 फीसदी जीएसटी लग रहा है. बीजेपी इस फैसले को गुजरात चुनाव प्रचार में भुनाने में लगी हुई है. जिसके कारण वोटर्स प्रभावित हो सकते हैं. इस वक्त गुजरात विधानसभा चुनाव में 2 सबसे बड़े मुद्दे हैं, जिस पर सरकार को लगातार घेरने की कोशिश विपक्षियों ने कही है, वहीं सरकार इसे अपनी उपलब्धि बताने में जुटी है. वे दो मुद्दे हैं- नोटबंदी और जीएसटी.