कुमार इंदर, जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में गुजरात पुलिस सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को लेकर गुजरात रवाना हो गई है। सरबजीत सिंह मोखा के अलावा गुजरात पुलिस ने सिटी अस्पताल के इंजार्ज देवेश चौरसिया को साथ लेकर रवाना हुई है।
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में गुजरात के मोरबी से पहुंची पुलिस ने जेल में बंद सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया को प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। दोनों ही आरोपियों से पुलिस मोरबी में पूछताछ करेगी। इस मामले में अब तक 9 लोगों को आरोपी बनाया जा चुका है।
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ये है मामला
देश के साथ ही मध्य प्रदेश में जब कोरोना अपने पीक पर था उस दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ने के साथ ही किल्लत पैदा हो गई थी। बाजार में डेढ़ से दो हजार रुपयों में मिलने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन 30 से 40 हजार रुपये में बिक रहे थे। इसी दौरान गुजरात के मोरबी में ग्लूकोज और नमक से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए जाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था। मामले में पुलिस ने फैक्ट्री के संचालक कौशल बोरा और पुनीत शाह को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने एमपी सहित देश भर में 10 हजार नकली इंजेक्शन खपाए थे। आरोपियों से पूछताछ में कई और नामों का खुलासा हुआ था, जिनमें रीवा का रहने वाला सुनील मिश्रा, जबलपुर का सपन जैन शामिल है।
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इधर जबलपुर पुलिस ने सिटी अस्पताल में नकली इंजेक्शन खपाए जाने के मामले में संचालक सरबजीत सिंह मोखा को गिरफ्तार किया था। मोखा के अलावा पुलिस ने उनकी पत्नी जसमीत, मैनेजर सोनिया, इंचार्ज देवेश चौरसिया और पुत्र हरकरण को गिरफ्तार किया था।
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