अहमदाबाद। गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले भूपेंद्र पटेल के कई आयाम हैं, जिनकी बदौलत उन्हें मुख्यमंत्री के साथ-साथ आगामी चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने की जिम्मेदारी मिली है. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह का भी उन्हें चहेता माना जाता है.
अहमदाबाद में जन्में भूपेंद्र पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के सक्रिय राजनीति से हटने के बाद घाटलोडिया सीट की सीट पर उनके उत्तराधिकारी बने. भूपेंद्र पटेल ने वर्ष 2017 को हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में 1 लाख 17 हजार मतों के अंतर से कांग्रेस के प्रत्याशी शशिकांत पटेल को पराजित कर पूरे प्रदेश में एक नया कीर्तिमान बनाया था.
घाटलोडिया विधानसभा गृह मंत्री अमित शाह के गांधीनगर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. विधानसभा में जाने से पहले भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद म्युनिसिपल में पार्षद के तौर पर काम कर चुके हैं. सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमाधारी भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद म्युनिसिपल कार्पोरेशन और अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथारिटी की स्टैंडिंग कमेटी का हिस्सा रह चुके हैं. इसके साथ वे सरदारधाम विश्व पाटीदार केंद्र और विश्केव उमिया फाउंडेशन के ट्रस्टी हैं.
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2022 के चुनाव पर है भाजपा की नजर
भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री चुने को वर्ष 2022 में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 99 सीट मिली थी, वहीं कांग्रेस को 77 सीट मिली थी. 182 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा को जीत का मार्जिन कम रहने की वजह पाटीदार समाज की नाराजगी को माना जा रहा है, जिसकी वजह से पटेल को मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया है. पाटीदार समाज गुजरात के सशक्त, संगटित, और आर्थिक रूप से संपन्न समाज में अव्वल माना जाता है.
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