गुंडरदेही नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी बचाने भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री प्रमोद जैन का प्रयास सफल रहा. हस्ताक्षर सत्यापन के दिन से ही कलेक्टर से नकल लेकर हाईकोर्ट की शरण में पहुंचना नगर पंचायत अध्यक्ष रानू हेमंत सोनकर के लिए सफल हुआ. 18 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान से एक दिन पहले ही हाई कोर्ट स्टे का कॉपी मिल गया.

बिलासपुर। गुंडरदेही नगर पंचायत अध्यक्ष रानू हेमंत सोनकर को हाईकोर्ट से राहत मिली हैं. 18 अप्रैल 2022 को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान को कोर्ट ने स्थगित कर दिया हैं. नगर पंचायत अध्यक्ष रानू हेमन्त सोनकर ने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हाईकोर्ट के अधिवक्ता टीके झा पिटीशन ने लगाई थी. जिस पर रविवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान को स्थगित कर दिया हैं.

गुंडरदेही नगर पंचायत के 15 पार्षदों में 13 पार्षद ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. यही अध्यक्ष रानू हेमंत सोनकर बीजेपी पार्टी समर्थक है. गौरतलब है कि 4 अप्रैल 2022 को नगर पंचायत गुंडरदेही के 13 पार्षदों के द्वारा बालोद कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर अध्यक्ष रानू हेमंत सोनकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में 13 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं.

11 पार्षदों के हस्ताक्षर का हुआ सत्यापन

इस प्रस्ताव पर कलेक्टर द्वारा 18 अप्रैल को मतदान कराने के निर्देश दिए गए थे. 13 पार्षदों के हस्ताक्षर होने के बाद से यह तय माना जा रहा है कि अध्यक्ष रानू हेमंत सोनकर का पद से हटना तय है. लेकिन अध्यक्ष द्वारा हाईकोर्ट में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पिटीशन हाईकोर्ट बिलासपुर के वकील टीके झा द्वारा दायर कर उसमें स्थगन मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में फिर हलचल मच गया है. अब देखना होगा कि अध्यक्ष तो अपना कुर्सी तो बचा ली, लेकिन भाजपा के प्रदेश व जिला के नेता अध्यक्ष के खिलाफ संगठन के जिम्मेदार पद में रहने वालों पर क्या कार्रवाई करते हैं, यह तो समय ही बता पाएगा.

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