रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज गुरू घासीदास जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के न्यू राजेन्द्र नगर में आयोजित सार्वजनिक गुरू घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए. उन्होंने इस अवसर पर शिक्षा, साहित्य और लोक कला और सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान देने के लिए समाज के अनेक लोगों को अलंकरण समारोह में शॉल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि संत गुरू घासीदास ने पूरी मानव जाति को कल्याण का मार्ग दिखाया. उनके मनखे-मनखे एक समान का संदेश पूरी मानवता के लिए है. उनके इस महान संदेश से समाज में समानता, समरसता, प्रेम और भाईचारा का वातावरण बना. उन्होंने कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने जीवन का लक्ष्य सत्य की प्राप्ति को बताया. सत्य के साथ अहिंसा रहती है और जहां अहिंसा है वहां प्रेम और भाईचारा है. सत्य सब जगह है, कोई भी काल हो उसकी महत्ता कम नहीं होती.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गुरू घासीदास ने जिस समय अपना संदेश दिया उस परिस्थिति में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बात करने की कल्पना नहीं की जा सकती थी. उन्होंने सभी प्रकार की कुरीतियों का विरोध किया और नारी को सम्मान दिलाने का काम किया. यहां तक कि प्राणीमात्र पर दया करने पर जोर दिया. उन्होंने सत्य के प्रतीक के रूप में जैतखाम की स्थापना की, जिसके दर्शन से सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है.

आज बाबा गुरु घासीदास की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में विभिन्न घोषणाएं भी की. इनमें नवा रायपुर में गुरु घासीदास संग्रहालय एवं शोध पीठ की स्थापना, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए 200 सीटर हॉस्टल का निर्माण शामिल है. इसी तरह उन्होंने पंथी नृत्य के जाने माने कलाकार स्वर्गीय देवदास बंजारे के नाम पर राज्य स्थापना दिवस पर पंथी नृत्य पुरस्कार देने और मरीजों के जांच की सुविधा बढ़ाने के लिए नगरीय निकायों में डाइग्नोस्टिक सेंटरों के लिए भवन की उपलब्धता और इनका नाम मिनीमाता के नाम से करने की घोषणा शामिल है. इस अवसर पर उन्होंने गुरू घासीदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारिक विभिन्न पुस्तकों का विमोचन भी किया. समारोह में मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया को उनके जन्म दिन की बधाई और शुभकामनाएं दी.

समारोह को नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने भी सम्बोधित किया और राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग सहित गरीब और कमजोर वर्गों के हित के लिए संचालित कार्यक्रमों को सराहनीय बताया. उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों के तहत समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के शीघ्र उत्थान के लिए उनकी शिक्षा सहित रोजी-रोजगार की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है.