वर्ष 2020 भले ही खत्म होने वाला हो लेकिन कोरोना महामारी के साथ विश्व की लड़ाई अभी भी जारी है. इस चुनौतीपूर्ण समय में खुद को शांत रखने का सबसे आसान मार्ग है – नियमित ध्यान. हिमालय का यह ध्यान 800 वर्षों पुराना दिव्य संस्कार है जो प्रत्येक मनुष्य बिना किसी जटिल क्रिया या कठोर साधना के प्राप्त कर सकता है.
गुरु तत्त्व ने Youtube.com/Gurutattva पर तथा www.gurutattva.org पर 23 से 30 दिसंबर, सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक महाशिविर का निःशुल्क सीधा प्रसारण आयोजित किया है.
इस कार्यक्रम का रिपीट टेलीकास्ट प्रतिदिन शाम को 6 से 8 बजे तक किया जायेगा. महाशिविर की सभी सूचनाएं Facebook एवं Instagram के माध्यम से @gurutattvameditation पर नियमित रूप से दी जाएगी.
‘महाशिविर’ जीवंत गुरु के सान्निध्य में आत्मसाक्षात्कार पाने का एक अनमोल अवसर है. इन 8 दिनों में सद्गुरु शिवकृपानंद स्वामीजी अध्यात्म के उस गूढ़ ज्ञान को जो उन्होंने 6 दशकों से अधिक साधना द्वारा प्राप्त किया है, उसे बहुत ही सरल भाषा में, सहज रूप से सिर्फ 8 दिनों में लोगों से साझा करेंगे.
इस दौरान लोगों को प्रतिदिन उनके साथ और लाखों लोगों की सामूहिकता के साथ सामूहिक ध्यान करने का अवसर मिलेगा. और कहा जाता है कि लाख दिन अकेले ध्यान करना और एक दिन लाख लोगों की आत्मिक सामूहिकता में ध्यान करना एक बराबर है.
‘गुरुतत्त्व’ शिवकृपानंद स्वामी फाउंडेशन द्वारा संचालित एक वैश्विक मंच है जो हर एक मनुष्य के आध्यात्मिक विकास के लिए कार्यरत है. ‘गुरु तत्त्व’ स्वयं शिवकृपानंद स्वामीजी के तत्त्वाधान में महाशिविर का आयोजन करता है जिसके माध्यम से लाखों लोग हिमालय के इस अनमोल ध्यान की अनुभूति प्राप्त करने का अवसर प्राप्त करते हैं
सद्गुरु शिवकृपानंद स्वामीजी एक साक्षात्कारी ऋषि हैं. बचपन से ही वे सत्य की खोज में रहे. उनका सम्पूर्ण जीवन ही साधनामय रहा है जिसमें से करीब 16 साल उन्होंने हिमालय में भी ध्यान-साधना की और वहाँ स्थित गुरुओं (जिनमें जैन मुनियों, बौद्ध कैवल्यकुम्भक योगियों के भी समावेश है) के सान्निध्य में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया . वे हिमालय के इस अनुभूतिप्रधान, अमूल्य ध्यानयोग को सन् 1994 से देश-विदेश में नि:शुल्क बांट रहे हैं.