कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। एमपी हाईकोर्ट (MP High court) की फटकार के बाद मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल (Madhya Pradesh Nurses Registration Council) हरकत में आया है। गुरुवार को एमपीएनआरसी ने एक अधिसूचना जारी कर अन्य राज्यों से मप्र में माइग्रेटेड हुई 2697 फैकल्टी को अपात्र घोषित कर दिया है। फैकल्टी अपात्र घोषित होने से 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता खतरे में आ गई है। इसके अलावा एमपीएनआरसी ने भोपाल (Bhopal) के टीटी नगर थाने में ग्वालियर (Gwalior) के दो प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों (Private Nursing College) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है।

दरअसल, अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड फैकल्टी को प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज पढ़ाने के लिए रखते हैं, इनकी नियुक्ति सिर्फ दस्तावेजों पर होती है। जबकि नियम ये है कि माइग्रेटेड फैकल्टी (Migrated Faculty) को मप्र के नर्सिंग कॉलेज में कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से 1 महीने की अवधि में एमपीएनआरसी में जीवित रजिस्ट्रेशन (registration) कराना अनिवार्य है, लेकिन इन्होंने अब तक पंजीयन नहीं कराया। इन्हीं फैकल्टी को कागजों पर दिखाकर नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी जाती रही है।

OBC Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने एमपी सरकार को जारी किया नोटिस, सभी पक्षकारों से भी मांगा जवाब, 12 मई को होगी अगली सुनवाई

फैकल्टी अपात्र घोषित होने से सत्र 2022-23 में 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता खतरे में पड़ सकती है। सत्र 2021-22 में माइग्रेशन के आधार पर दर्ज फैकल्टी को बगैर मप्र में जीवित रजिस्ट्रेशन कराए सत्र 2022-23 की मान्यता प्रक्रिया के लिए अपात्र घोषित किया गया था। इसके बाद इन्हें एक महीने का अवसर देते हुए सत्र 2022-23 की मान्यता प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर दिया गया।

MP में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक बरकरार: हाईकोर्ट ने CBI को सौंपी जांच, 375 कॉलेजों की होगी जांच

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus