कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। आज महिला सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. खासकर ग्वालियर अंचल में महिला अपराधों की बढ़ती संख्या शहर की स्मार्ट सिटी बनने की छवि पर भी प्रभाव डालती है. ऐसे में ग्वालियर जिला प्रशासन की ओर से एक पॉजिटिव कदम बढ़ाया गया है. जिसके तहत जिले में महिला सुरक्षा से जुड़ा वातावरण तैयार करने पर अब काम शुरू किया गया है. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसको लेकर निर्देश दिए है. महिला एवं बाल विकास विभाग ने सम्बंधित विभागों के साथ मिलकर काम भी शुरू कर दिया है. जिले में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के मामले में हॉट स्पॉट कहे जाने वाले 52 प्वाइंट चिन्हित किये गए है. जिनके हालात बदलने की कवायद हो रही है.

दरअसल मार्च 2022 में यह 52 प्वाइंट चिन्हित होने के बाद 8 विभागों की टीम मिलकर यहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम कर रही है. महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से कराए गए सर्वे की रिपोर्ट में बताए गए संसाधन और मॉनिटरिंग सिस्टम की जरूरत को पूरा किया जा रहा है. हालात बदलने के लिए प्रशासन पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बस और ऑटो ड्राइवर, सब्जी-फल विक्रेता और दुकानदारों को सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर अपना सोर्स बनाने पर फोकस कर रही है.

सराहनीय कार्य, लेकिन कहीं बाद में ठप्प न हो जाए

जिले की छात्राओं और महिलाओं का कहना है कि यह कार्य सराहनीय है, लेकिन यह व्यवस्था सुचारू रूप से जारी रहनी चाहिए, क्योंकि अमूमन देखा जाता है कि शुरुआत में सीसीटीवी चालू रहते हैं, फिर बंद हो जाते हैं. पेट्रोलिंग भी होती है जो कि बाद में धीरे-धीरे कम कर दी जाती है. जिससे महिला अपराध एक बार फिर से बढ़ने लगते हैं.

सर्वे में खुलासा हुआ क्यों बढ़ रहे महिला अपराध

जिन क्षेत्रों में महिला अपराध ज्यादा हो रहे हैं वहां पुलिस पेट्रोलिंग की कमी पाई गई. अधिकांश स्पॉट ऐसे हैं, जहां स्ट्रीट लाइट न होने से अपराधी अंधेरे का फायदा उठाते हैं. कई प्वाइंट पर असामाजिक तत्वों, जुआरियों, नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है. सुनसान क्षेत्रों में शराब की दुकानें होने से भी महिला अपराध बढ़े हैं. चिन्हित प्वाइंटों पर सीसीटीवी कैमरे और निगरानी के लिए कोई व्यवस्था न होना. ये सभी कारण महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा हॉट स्पॉट पर कराए गए सर्वे में सामने आए हैं. सर्वे टीम में जीवाजी यूनिवर्सिटी के एमएसडब्ल्यू के छात्र, सीआरपी, शौर्य दल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नगर निगम कर्मचारी व एनजीओ के सदस्य शामिल थे.

बदलाव की कवायद भी शुरू

52 हॉट स्पॉट को खोजने के बाद अब इनके वातावरण के साथ संसाधनों से लैस करने बदलाव की कवायद शुरू हो गई है. चिन्हित हॉट स्पॉट में 98 स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें लगवाई. ताकि,क्षेत्र में अंधेरे के कारण अपराधी सक्रिय न हों. 40 प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का प्रस्ताव है. इनमें से 22 पर काम पूरा होने से निगरानी शुरू हो गई है. पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर चिन्हित प्वाइंटों पर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार हो रहा है. ये जून तक काम करने लगेगा.

8 विभागों की टीम हॉट स्पॉट पर करेगी मॉनिटरिंग

बता दें कि इस काम में पुलिस, नगर निगम, महिला एवं बाल विकास विभाग, परिवहन, स्वास्थ्य विभाग, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा को मिलकार 8 विभागों की टीम हर हॉट स्पॉट पर मॉनिटरिंग करेगी. जिससे एक सुरक्षित फैमिलियर माहौल तैयार किया जा सकेगा. ऐसे में 52 हॉटस्पॉट पर किए जा रहे इन कामों के बाद उम्मीद यही है कि ग्वालियर जिले के अंदर महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण मिल सकेगा. इसके साथ ही महिला अपराधों पर अंकुश भी लगता नजर आएगा.

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