कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ग्वालियर की हजीरा स्थित सालो से बंद पड़ी जेसी मिल का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके साथ क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मौजूद रहे। सीएम ने सबसे पहले जेसी मिल के मजदूर यूनियन से मुलाकात की। इसके बाद मिल के ड्राइंग के जरिये उसका स्ट्रक्चर समझा। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने बंद पड़ी जेसी मिल की देनदारी के साथ ही खाली पड़ी हुई जमीन की नीलामी के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री के जेसी मिल में पहुंचने पर बकाया भुगतान का इंतजार कर रहे मजदूरों के चेहरे पर खुशी आई और वह कहते नजर आए कि वह पहले ऐसे CM हैं, जिन्होंने इस मिल की सुध लेते हुए मजदूरों के बकाए के बारे में सोचा।
रोजगार दिलाने के लिए किए जा रहे इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव
सीएम डॉ मोहन यादव ने निरीक्षण और मजदूर यूनियन से चर्चा के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार पिलर बताए हैं। गरीब, महिला, युवा और किसान इन चारों वर्ग के हितों को हम सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हैं। इस भावना के साथ युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव किये जा रहे है। गरीब महिलाओं, युवाओं सहित सभी को रोजगार दिलाने के लिए हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हमारी यह भी प्राथमिकता है कि जो पुरानी इंडस्ट्रीज है, जो किसी न किसी कारण से बंद हो गई। उनके भुगतान से संबंधित मजदूरों के प्रकरण कोर्ट में चल रहे हैं। ऐसे में उन सभी मजदूरों के भुगतान के लिए सरकार लेवल पर निर्णय किया है कि उन्हें इस तरह रास्ते में अकेला नहीं छोड़ा जा सकता है।
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जेसी मिल का जल्द निकालेंगे समाधान
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बहुत से मजदूर ऐसे हैं जो अब इस दुनिया में भी नहीं रहे। ऐसे में हमारा पहला फर्ज बनता है कि हम सभी मजदूरों की देनदारी चुकाये। सरकार का दूसरा निर्णय यह भी है कि ऐसी जमीने जहां हम भविष्य में उद्योग के लिए या किसी अन्य काम के लिए उसका उपयोग करें, जो शहर के विकास के लिए जरूरी है। अच्छी जगह को लावारिस पड़ा रहने देना खराब रहेगा। ऐसे में हमने आज निरीक्षण किया और जल्द ही इसका समाधान भी निकालेंगे। सरकार बनने के बाद हमने हुकुमचंद मिल का भी निराकरण कराया था। इस तरह से जेसी मिल का भी निर्णय करेंगे। आने वाले दिनों में अन्य मिलो का भी इस तरह भुगतान किया जाएगा। हम न्यायालय के सामने मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। जहां फाइनेंस से जुड़ी हुई दिक्कत है उसको लेकर बैंकों से भी बात की जाएगी ताकि मजदूरों के हित में निर्णय आ सके।
मजदूर यूनियन ने CM का किया धन्यवाद
सीएम डॉ यादव के निरीक्षण के बाद मजदूर यूनियन ने मध्य प्रदेश सरकार का धन्यवाद दिया है। उनका कहना है कि यह पहला ऐसा मौका है जब सालों से बंद पड़ी जेसी मिल को लेकर किसी मुख्यमंत्री ने आगे बढ़कर कदम उठाया और निरीक्षण करने के साथ ही सभी मजदूरों को उनके जल्द भुगतान का आश्वासन दिया है। CM ने हुकुमचंद मिल का समाधान भी निकलवाया है। ऐसे में अब पूरी उम्मीद जाग गई है कि उनका बकाया भुगतान मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल्द हो। मुख्यमंत्री ने इस खाली पड़ी जगह पर आईटी सेक्टर लाने की बात भी कही है, जिसके जरिए लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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ग्वालियर की जेसी मिल से जुड़ी कुछ खास बातें
- ग्वालियर की जेसी मिल, बिरला ब्रदर्स की मिल थी।
- इस मिल की शुरुआत साल 1923 में हुई थी।
- सिंधिया स्टेट के महाराज जीवाजीराव सिंधिया ने घनश्याम दास बिरला को 700 बीघा से ज़्यादा ज़मीन मिल खोलने के लिए दी थी।
- इस मिल में कपड़ा उत्पादन के लिए मशीनें लगाई गई थी।
- इस मिल में उस दौर में करीब 16,000 मज़दूर काम करते थे।
- इस मिल का परिसमापन 1992 से 1998 के बीच हुआ था।
जिला प्रशासन के मुताबिक एक नजर जेसी मिल के बकाया पर डालते है
श्रमिक
- कुल देनदारी 102.37 करोड़
- किया गया भुगतना 40 करोड़
- बकाया भुगतान- 62.37 करोड़
बैंक
- कुल देनदारी 79.39 करोड़
- किया गया भुगतना 36.10 करोड़
- बकाया भुगतान 43.29 करोड़
कंपनी के पूर्व निदेशक
- कुल देनदारी 4.56 करोड़
- किया गया भुगतना 00
- बकाया भुगतान- 4.56 करोड़
असुरक्षित लेनदार
- कुल देनदारी 21.16 करोड़
- किया गया भुगतना 00
- बकाया भुगतान- 21.16 करोड़
असुरक्षित ऋण
- कुल देनदारी 3.39 करोड़
- किया गया भुगतना 00
- बकाया भुगतान- 3.39 करोड़
सभी मिलाकर कुल बकाया
- कुल देनदारी 210.87 करोड़
- किया गया भुगतना 76.10करोड़
- बकाया भुगतान 134.77 करोड़
आपको बता दें कि हाल ही में हुई ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में करोड़ों के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज निरीक्षण के बाद आईटी सेक्टर से जुड़ा बड़ा निवेश इस बंद पड़ी हुई जेसी मिल में लाने की बात कही है। आईटी सेक्टर के आने पर ग्वालियर चंबल अंचल के हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।
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