कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत योजना को असहाय और गरीब लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके इसके लिए शुरू किया गया है, लेकिन कुछ निजी अस्पताल इस योजना के जरिए सरकारी खजाने से भी मरीज के इलाज के नाम पर रुपए ऐंठ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गरीब असहाय लोगों की जेब से भी भारी भरकम मोटी रकम खींच रहे हैं। ऐसे ही मामले की शिकायत मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आई है। जहां पीड़ित परिवार ने ग्वालियर कलेक्टर से इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत की है। साथ ही पीएम मोदी से भी न्याय की गुहार लगाते हुए अपना दर्द जाहिर किया।

दरअसल, यह पीड़ित परिवार मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले अंतर्गत गांव पठराम का रहने वाला है। जहां के रहने वाले मरीज बाबूलाल अहिरवार को ग्वालियर के झांसी रोड स्थित रामदास हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल पर मरीज के बेटे जयपाल का आरोप है कि आयुष्मान कार्ड जमा कराने के बाद डॉ ओम प्रकाश गोस्वामी ने यह कह कर 1 लाख 50 हजार रुपये जमा करा लिए गए कि उसका आयुष्मान कार्ड काम नहीं कर रहा है। ऐसे में उसके पिता के ठीक ऑपरेशन से पहले बने इस संकट के हालात में उसने रुपये जमा कर दिए थे। जब इलाज के बाद वह अपने घर पहुंचे तो कुछ दिन बाद एक मैसेज उनके पास पहुंचा की उनके पिता का इलाज आयुष्मान कार्ड के जरिये हुआ। जिससे 1 लाख 50 हजार की राशि का इलाज किया गया।

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CMHO से की शिकायत, लेकिन नहीं मिली मदद

इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल के इस कारनामे की सच्चाई का पता चला। ऐसे में उसने हॉस्पिटल प्रबंधन के साथ ही CMHO ग्वालियर से इसकी शिकायत की। लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जयपाल का आरोप है कि CMHO आफिस से गठित की गई जांच टीम के एक सदस्य ने 50 हजार में मामले का सेटेलमेंट करने का दबाब भी बनाया। ऐसे में जयपाल का कहना है कि उसने अब तंग आकर ग्वालियर कलेक्टर से इस पूरे मामले की शिकायत की है। उसका यह भी कहना है कि उसके पिता एक छोटे किसान है, वह मजदूरी कर घर चलाता है।

ऐसे में PM मोदी की आयुष्मान योजना से स्वास्थ्य लाभ लेने में मदद मिलती है, लेकिन रामदास हॉस्पिटल जैसे संस्थान गरीबो को लूटने के साथ ही सरकार के खजाने से भी आयुष्मान के जरिये इलाज की राशि हड़प लेते है। जयपाल ने PM मोदी से गुहार लगाई है कि यदि गरीबों को रामदास हॉस्पिटल जैसे संस्थान लूटने के साथ सरकार से भी राशि हड़पेंगे तो उनका गरीबो असहायों की मदद का संकल्प कैसे पूरा होगा।

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कलेक्टर ने कही जांच की बात

वहीं इस मामले पर जब CMHO डॉ रामकुमार राजौरिया से सवाल किया तो वह यह कहते हुए आगे बढ़ गए कि उनके ऑफिस का कोई भी कर्मचारी सेटेलमेंट का काम नही करता है। यहां तक कि उन्होंने इस गंभीर मामले से पल्ला झाड़ते हुए आगे की ओर दौड़ लगा दी। हालांकि आयुष्मान कार्ड जैसी महत्वाकांक्षी योजना और इससे जुड़ी शिकायत को लेकर ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने सख्त तेवर दिखाए हैं। उनका कहना है कि इस मामले की शिकायत उन तक पहुंची है और जिस तरह के आयुष्मान कार्ड से राशि हड़पने के फर्जीवाड़े की शिकायत की गई है इसको रोकना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में शिकायत को लेकर दल गठित किया जाएगा और पूरी जांच रिपोर्ट के बाद इस मामले में एक्शन भी लिया जाएगा।

गौरतलब है कि इस मामले में रामदास हॉस्पिटल के डॉ मनीष अग्रवाल से जब संपर्क किया गया तो वह इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। ऐसे में देखना होगा कि कलेक्टर द्वारा जांच कराए जाने के बाद हॉस्पिटल के कारनामे का क्या सच सामने आता है, साथ ही किस तरह की कार्रवाई देखने मिलेगी।

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