कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की डबल बेंच ने अशोकनगर (Ashoknagar MLA) जिले से बीजेपी विधायक जजपाल सिंह जज्‍जी (Jaipal Singh Jajji) को बड़ी राहत दी है। अब जजपाल सिंह की विधायकी नही जाएंगी। फौरी तौर पर उन्हें यह राहत मिल गयी है। भाजपा नेता लड्डूराम कोरी (Laddu Ram Kori) ने ही हाईकोर्ट में जाति प्रमाण पत्र को अवैध घोषित करने के लिए अपील की थी।

दरअसल, बीते साल 12 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने विधायक जज्जी के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को अवैध मानते हुए उनकी विधायकी को शून्य घोषित करते हुए FIR के आदेश दिए थे। विधायक जज्जी ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील की थी। जिसके बाद उन्हें सिंगल बेंच के आदेश फौरी तौर पर स्टे मिल गया था और ऑर्डर रिजर्व किया गया था, लेकिन अब इस मामले में फैसला आ गया है। जिसके तहत विधायक जज्जी को बड़ी राहत मिली है।

MP के स्कूलों की रिपोर्ट कार्ड जारी: इस जिले ने किया टॉप, ये रहे फिसड्डी, शिक्षा मंत्री ने ट्रांसफर की RTI राशि, विश्व आदिवासी दिवस का विरोध, कहा- कांग्रेस अंग्रेजों की विचारधारा…

इस फैसले से ना केवल उनकी विधायकी पर मंडरा रहा खतरा टल गया है। बल्कि उनके जाति प्रमाण पत्र पर उठ रहे सवालों पर भी कोर्ट के फैसले के बाद विराम लग गया है। विधायक जजपाल सिंह के वकील एस एस गौतम के मुताबिक फैसला विधायक जज्जी के पक्ष में आया है और उनके जाति प्रमाण पत्र को वैध ठहराया है। कोर्ट की डबल बेंच ने उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा जज्जी को जारी किए गए अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को भी वैध माना है। साथ ही सिंगल बेंच के फैसले को डबल बेंच ने पलट दिया है। एडवोकेट गौतम ने बताया है कि डबल बेंच ने हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले पर भी कई टिप्पणी है।

आपको बता दें कि जज्जी के खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा के ही लड्डूराम कोरी ने एमपी हाईकोर्ट ग्वालियर की सिंगल बेंच में जाति प्रमाण पत्र को अवैध घोषित करने के लिए अपील की थी। सिंगल बेंच ने लड्डू राम कोरी के पक्ष में फैसला भी दिया था। लेकिन डबल बेंच ने इस फैसले को बदल दिया है। ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जजपाल सिंह की नट जाति के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को लेकर भी उल्लेखनीय बातें अपने फैसले में कही है।

MP की राजनीति में सियासी धर्म ‘युद्ध’ ! बीजेपी के चुनावी हिन्दू बताने पर कमलनाथ का पलटवार, कहा- जो जैसी सोच रखता है वो वैसा ही दुनिया को देखता है

साथ ही समिति के द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र को सही माना है। इसके अलावा पंजाब से यहां माइग्रेशन वाले मामले को भी डबल में जज्जी के पक्ष में माना है। करीब 100 साल पहले पंजाब से जजपाल जज्जी के पूर्वज मध्य प्रदेश आ चुके थे और उनकी नट जाति मध्य प्रदेश की अनुसूचित जाति वर्ग में आती है। जज्जी के पक्ष में आए इस फैसले पर याचिकाकर्ता लड्डूराम के वकील का कहना है, फैसले के बाद कानूनी मंथन चल रहा है। याचिकाकर्ता से चर्चा के बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर विचार किया जाएगा।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus