कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज को संबद्धता दिये जाने के मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन पर बड़ा आरोप लगा है। विश्विद्यालय को लीगल नोटिस भेजा गया है। आरोप है कि भ्रष्टाचार कर फर्जीवाड़े के जरिए यह कारनामा किया गया है। NSUI द्वारा जीवाजी विश्वविद्यालय को भेजे गए लीगल नोटिस में मामले से जुड़े अहम सबूत भी दर्शाए गए है। नोटिस का जबाब 6 अप्रैल तक देना होगा। जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।

एनएसयूआई की ओर से भेजे नोटिस में आरोप लगाया है कि शिक्षा माफियाओं के साथ विश्विद्यालय प्रबंधन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिन नर्सिंग कालेजों की सीबीआई जांच चल रही है। वहां जब जबलपुर मेडिकल विश्वविद्यालय और सीबीआई के जांच अधिकारी निरीक्षण के लिए जाते है तो वहां नर्सिंग कालेज का बोर्ड लगा दिया जाता है। जब जेयू के द्वारा निर्धारित समिति निरीक्षण के लिए जाती है तो बीएड कालेज का बोर्ड उसी जगह पर लगा दिया जाता है। जीवाजी विश्वविद्यालय की स्थायी समिति की बैठक में भी विरोध किया जा चुका है, फिर भी जेयू के अधिकारियों ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए मनमाने तरीके से एक ही भवन-परिसर पर बीएड कालेज चलाने की अनुमति दे दी है।

ये आरोप लगाए गए

-संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों में बीएड के कक्षाओं के संचालन के संबंध में बिना कोई जांच किए कक्षाएं संचालित की जा रही है, जबकि नियमानुसार जांच किए जाने के उपरांत ही कक्षाएं संचालित की जानी चाहिए।
-जिन महाविद्यालयों के खिलाफ नर्सिंग कालेज से जुड़ी गड़बड़ी के मामले में सीबीआई जांच की जा रही है, उन्हें बीएड की संबद्धता देकर कक्षाएं संचालित की जाने की अनुमति दी गई है, जबकि वह कालेज संचालन के पात्र नहीं है।
-जेयू द्वारा न केवल संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों में बीएड कोर्स के संचालन पर अपनी सहमति दी गई है बल्कि इसके लिए बिना निरीक्षण के सभी महाविद्यालयों में शिक्षकों नियुक्ति व कक्षाओं के संचालन सहमति दी है जो कि नियम विरूद्ध है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
Read More:- https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H