कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। सांई बाबा को भगवान नहीं मानने को लेकर दिए बयान के बाद बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गए है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जबलपुर में श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन ये बयान दिया था। जब उनसे साईं बाबा की पूजा आराधना की पद्धति को लेकर एक सवाल किया गया तो उन्होंने साईं बाबा को भगवान मानने से साफ इनकार कर दिया। जिससे सांई भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई थी। वहीं इस पर द्वारकापीठ जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती का शास्त्री को साथ मिला है।
ग्वालियर में शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी जैसे कथावाचक जगतगुरु शंकराचार्य जी की बात को ही आगे बढ़ा रहे हैं। वह अपने आचार्य,ऋषियों,परंपरओं,महर्षियों की बात को ही आगे बढ़ा रहे है। जितने भी आचार्य हैं उनके कोई ना कोई शिष्य होते हैं। धर्म का प्रचार प्रसार किस समय हो यह महत्वपूर्ण नहीं होता, उन्होंने कहा कि धर्म का प्रचार प्रसार हो रहा है यह महत्वपूर्ण है। धर्म का प्रचार हजारों सालों से हो रहा है। जिस समय हिंदू धर्म विलुप्त होने वाला था, विधर्मीयों ने कह दिया था कि वेद प्रमाण नहीं है। उस समय शंकराचार्य जी महाराज ने अवतरित होकर सिध्द किया कि वेद ही प्रमाण है।
हिंदू धर्म प्राचीन और सनातनी है
शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू धर्म प्राचीन और सनातनी है। जितने भी धर्म है उनकी तिथि,बार,दिन और सन है। सनातन धर्म के जन्म का कोई दिन या तिथि नहीं है।उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म से सनातन धर्म को द्वेष नहीं है, लेकिन अपने धर्म की स्थापना उसके प्रचार प्रसार में हम स्वतंत्र हैं।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के सांई बाबा को लेकर दिए बयान पर कही ये बात
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साईं बाबा बाबा को लेकर दिए बयान पर जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि यह विषय पहले भी उठ चुका है और उस पर पूरी बात हो चुकी है। पूर्ण विराम लग चुका है, हम लोग भी यही स्वीकार करते हैं जो उन्होंने बयान दिया है। बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि इससे कुछ भी नहीं होने वाला है, यह सब होता रहता है। जो सबल होता है उस पर लोग आक्रमण करते ही है,यह प्रकृति का स्वभाव है। लेकिन मैं पूछता हूं कि आखिर उनका दोष क्या है, कौन सा गलत काम उन्होंने किया है, कौन सी गलत बात उन्होंने की है। वह सनातन धर्म की बातें करते हैं हिंदू धर्म की बात करते हैं। हिंदुओं का पक्ष लेकर वह हिंदुओं के साथ खड़े हैं लाखों लोग उनके पास जा रहे हैं। जगतगुरु ने कहा कि यदि कोई अपराध करें तो हम भी उनका साथ नहीं देंगे। लेकिन उनका दोष क्या है, और उस दोष को पहले सिद्ध किया जाए।
हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर बोले जगतगुरु शंकराचार्य
हिंदू राष्ट्र घोषित होने के लिए आज के संविधान में परिवर्तन जरूरी है। संविधान में कुछ नहीं बहुत कुछ परिवर्तन की जरूरत है। स्वामी सदानंद ने कहा कि आज हिंदू राष्ट्र का प्रारूप क्या है पहले हम चाहते हैं कि उसका प्रारूप स्पष्ट हो। हिंदू राष्ट्र हमारी पुरानी मांग है, रामराज्य होना ही चाहिए। जब राम राज्य होगा तब उसमें हिंदू राष्ट्र अपने आप में ही समाहित हो जाएगा। हमारी प्राचीन परंपरा रही है की हमारे देश के जो शासक रहे हैं उसके आधार पर राजा प्रजा का पालन करता है और राजा का पालन धर्म करता है, और धर्म का उपदेश धर्माचार्य देते है। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 30A हटा दीजिए सब हमें मिल जाएगा। भारत के विश्व गुरु बनने के लिए हमें अपनी संस्कृति की रक्षा करनी है। भारत विश्व गुरु थाऔर अभी भी है। पूरे विश्व के लोग हमारी संस्कृति का अनुगमन करते हैं, केवल घोषित नहीं है बस।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने क्या बयान दिया था
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार करते हुए कहा था कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। इस बयान के बाद मुंबई में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ शिकायत की गई है। हालांकि बाद में शास्त्री ने माफ़ी भी मांग ली थी.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक