कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में एलिवेटेड (Elevated) को स्वर्णरेखा नदी (Subarnarekha river) के अस्तित्व के लिए खतरा बताया है। मामले में हाईकोर्ट (High Court) ने कमेटी बनाकर न्याय मित्र की नियुक्ति की है। इसी के साथ ही स्वर्ण रेखा के पुराने वैभव (old splendor) के लिए 8 सप्ताह में रिपोर्ट (report) मांगी है।
ग्वालियर हाईकोर्ट में स्वर्ण रेखा नदी को लेकर याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने कहा- है कि मामले की विशेषज्ञों की कमेटी जांच करें। कहा कि “स्वर्णरेखा नदी से सीमेंट कांक्रीट हटाकर उसे किस तरह पुराने स्वरूप में लाया जा सकता है”। “एमपी के जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव, केंद्रीय जल नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम के अधिकारी मिलकर निरीक्षण करें”। “हनुमान बांध से बानमौर की सांक नदी तक स्वर्णरेखा में जल संरक्षण कैसे हो सकता है ये रोडमैप बनाए”।
बता दें कि स्वर्णरेखा नदी पर एक हजार करोड़ की लागत वाला एलिवेटेड रोड़ बन रहा है।
NHM स्टाफ नर्स परीक्षा पेपर लीक कांड में आज बड़ा खुलासा हो सकता है। मामले में आज MEL कंपनी के कर्मचारियों के बयान दर्ज होंगे। क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम कर्मचारियो से बयान दर्ज करेगी। SAMS कम्पनी ने मुम्बई की MEL कंपनी को पेपर अपलोड का काम दिया था। MEL कम्पनी ने ही सर्वर पर पेपर अपलोड किया था। क्राइम ब्रांच की कार्रवाई के दौरान आरोपियों से पेपर आउट हुआ था। MEL कम्पनी ही जंबल्ड फॉर्मेट में पेपर अपलोड करती है।
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