रणधीर परमार, छतरपुर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) बुधवार को छतरपुर (Chhatarpur) पहुंचे। जहां उन्होंने खजुराहो में जी-20 संस्कृति कार्य समूह की बैठक के आयोजन के अवसर पर मध्यप्रदेश के जनजातीय एवं लोक कला राज्य संग्रहालय सांस्कृतिक गांव ‘आदिवर्त’ का लोकार्पण किया।

सीएम शिवराज सिंह ने कार्यक्रम के दौरान शिखर अलकंकर्ण भूरी बाई, दुर्गा बाई, रामसहाय पांडेय, अर्जुन सिंह सहित अन्य कलाकारों को पदमश्री अलंकृत से और राज्य शिखर अन्य सम्मान से सम्मानित किया। साथ ही जनजातियों के रंग में रंगे नजर आए मुख्यमंत्री शिवराज ढोलक और मोर पंख हाथ में लेकरजमकर थिरके।

इस दौरान उन्होंने कहा कि आदिवर्त अद्भुत बना है। 2 साल पहले तय किया कि तमाम कला कृतियों का समावेस पूरी दुनिया को दिखाना है। इसलिए खजुराहों चुना, सभी जनजातियों को आदिवर्त में शामिल किया है।

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आर्थिक रूप से कमजोर कलाकार जिन्होंने प्रदेश का मान बढ़ाया 800 से 1500 किया, लेकिन इसे बढ़ाकर 5000 किया जाएगा। अगर कोई दुनिया से चले जायेंगे तो 3500 रुपये दिया जायेगा। आदिवर्त पंचायत में सीएम ने कहा हमारे जनजातीय समाज के रहन सहन, खान पान, वेशभूषा, पहनावा संस्कृति मध्य प्रदेश की जो संस्कृति है, वह पूरे देश में जाए। क्योंकि खजुराहो में पूरे देश से पर्यटक आते है, मंदिर देखते है और चले जाते है।

मंदिर तो है ही लेकिन जनजातीय कल्चर को समझे, देखे इसलिए 2 साल पहले ऐसा सोचा था आज उसका लोकार्पण हुआ काफी खुशी का विषय है। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने पूरे देश में 56 जगह यह कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है, ताकि बाहर से आए विदेशी महमान पूरे देश की संस्कृति को देखे। वहीं मुख्यमंत्री ने भोपाल वापस जाने का कार्यक्रम निरस्त करते हुए खजुराहो में रात्रि रुकने की बात कही है।

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इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार, जिले के प्रभारी एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा मौजूद रहे। बता दें कि संस्कृति विभाग द्वारा आदिवर्त को मध्यप्रदेश जनजातीय एवं लोक कला राज्य संग्रहालय के रूप में परिकल्पित किया गया है। सांस्कृतिक गांव आदिवर्त के पहले चरण में 7 जनजातियों के गांव के परिदृश्य को शामिल किया गया है।

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