कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में इस बार गणेश भक्तों के लिए यह गणेश उत्सव चुनौती और परेशानी भरा नजर आ रहा है। क्योंकि शहर की खराब गड्ढेदार सड़कों के चलते गजानन का मार्ग अवरुद्ध यानी बड़ी गणेश प्रतिमाओं को पंडालों तक पहुंचाना बड़ा कठिन है। बीते साल खराब गड्ढेदार सड़क की वजह से 21 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा धराशाई होकर खंडित हो गई थी। इस बार बीती साल की तुलना में 200 प्रतिशत ज्यादा सड़के बदहाल है।

दरअसल, ग्वालियर शहर के अलग-अलग इलाकों में 13 से 21 फीट ऊंची गणेश प्रतिमाएं आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर विराजित होनी है। शहर की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा शिंदे की छावनी इलाके के खल्लासीपुरा में विराजित होती है। लेकिन बीते साल 21 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा पंडाल तक पहुंचने से पहले ही धराशयी हो गयी थी। खराब गड्ढेदार सड़क की वजह से रथ का पहिया अनबैलेंस हो गया था। ऐसे में भक्तो की आस्था को बड़ी चोट पहुंची थी।

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प्रशासन ने हादसे के बाद भी नहीं लिया सबक

बीते साल हुए इस हादसे से भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया। यही वजह है कि इस बार गणेश भक्तों के किये बीते साल की तुलना में पंडालों तक बड़ी गणेश प्रतिमाओं को पहुंचाना ज्यादा चुनौतियों भरा दिख रहा है। क्योंकि इस बार शहर के गली मोहल्ले से लेकर प्रमुख सड़कों पर काफी बड़े गड्ढे जगह जगह है। गजानन की राह में यह गड्ढे बड़ी बाधा बने हुए है।

भक्तों की कही ये बात

गणेश भक्तों का कहना है कि प्रशासन को पता था कि ऊंची गणेश प्रतिमाएं शहर में जगह-जगह विराजित हो रही है। फिर भी उन रास्तों की सड़कों को ठीक नहीं कराया गया। यदि समय पर सड़कों को दुरुस्त कर दिया जाता तो इतनी परेशानी भक्तों को नहीं उठानी पड़ती।

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शहर के इन इलाकों में विराजित होती है बड़ी प्रमुख गणेश प्रतिमाएं

  • शिंदे की छावनी इलाके के खल्लासीपुरा में खल्लासीपुरा का राजा नाम से शहर की सबसे बड़ी 21 फीट की गणेश प्रतिमा विराजित होती है।
  • मुरार इलाके के आजाद नगर में मां केला देवी क्लब नाम की समिति द्वारा 18 फीट की प्रतिमा विराजित की जाती है।
  • अचलेश्वर महादेव मंदिर पर अचलेश्वर का राजा नाम से 15 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा विराजित की जाती है।
  • थाटीपुर इलाके में थाटीपुर का राजा नाम से 14 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा विराजित की जाती है।
  • शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा पर गणेश जी की 13 फीट ऊंची प्रतिमा विराजित की जाती है।
  • शहर के 50 से ज्यादा प्रमुख इलाकों में 8 से 10 फीट ऊंची गणेश प्रतिमाएं विराजित की जाती है।

बिजली और नेटवर्किंग केबलों का मकड़जाल भी परेशानी

आपको बता दें कि इन बड़ी गणेश प्रतिमाओं को पंडाल तक पहुंचने के लिए भक्त खुद ही गड्ढों को भर रहे हैं। इसके अलावा जिन रास्तों से गणेश प्रतिमा गुजर रही है, वहां फैला हुआ बिजली और नेटवर्किंग केबलों का मकड़जाल भी बड़ी परेशानी बन रहा है। ऐसे हालात में गणेश भक्त बस उनका ही नाम लेकर मार्ग में आगे बढ़ रहे है।

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