Supreme court Hearing Rolls-Royce Case: रोल्स रॉयस कार को लेकर ग्वालियर ‘शाही परिवार’ (Gwalior Royal Family) के विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया। मामले में सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने दंपति को फटकार लगाई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे महाराजा की तरह व्यवहार न करें, क्योंकि देश में 75 साल से ज्यादा समय से लोकतंत्र कायम है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे दो शाही परिवारों ( Royal Family Case) के बीच अहंकार का टकराव करार दिया। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दंपति के वकीलों से कहा कि वे अपने मुवक्किलों से बात करें और उनकी मंशा अदालत को बताएं।
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दरअसल ग्वालियर की रहने वाली महिला महिला ने आरोप लगाया है कि अलग रह रहे उसके पति और ससुराल वालों ने दहेज में रोल्स रॉयस कार और मुंबई में फ्लैट की मांग को लेकर उसे परेशान किया। हामहिला की ओर से दायर याचिका में कहा गया है, ”जब उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो उन्होंने शादी को मानने से इनकार करना शुरू कर दिया और याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठे एवं तुच्छ आरोप लगाने लगे और उसका चरित्र हनन शुरू कर दिया।
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पति ने अलग रह रही पत्नी, उसके माता-पिता और रिश्तेदारों के खिलाफ विवाह प्रमाण पत्र तैयार करने में धोखाधड़ी और जालसाजी करने का मामला दर्ज कराया, जबकि महिला ने दहेज उत्पीड़न और क्रूरता का मामला दर्ज कराया। लांकि, उसके पति ने आरोप से इनकार किया है।
…तो शख्त आदेश दे देंगे- सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी
पीठ ने कहा, “इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं कि मध्यस्थता की कोशिश नाकाम हो गई है? राजा-महाराजा की तरह व्यवहार न करें। लोकतंत्र की स्थापना को 75 साल बीत चुके हैं। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर मध्यस्थता के माध्यम से कोई हल नहीं निकला तो वह तीन दिन के भीतर सख्त आदेश देगी। ग्वालियर की रहने वाली महिला ने दावा किया कि वह प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती है, जिसके पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना में एडमिरल थे और उन्हें कोंकण क्षेत्र का शासक घोषित किया गया था। दूसरी ओर उसके पति ने कहा कि वह सैन्य परिवार से आता है और मध्य प्रदेश में एक स्कूल को चलाता है
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एक रोल्स रॉयस कार है विवाद की जड़
मामले में विवाद की जड़ साल 1951 मॉडल की रोल्स रॉयस कार है, जिसकी कीमत 2.5 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह कार भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बड़ौदा की महारानी के लिए बनवाई थी, जो अपने मॉडल की एकमात्र कार है। इसके अलावा दोनों पक्षों की ओर से पेश वकीलों ने कोर्ट को बताया कि विवाद धन को लेकर भी है।
न्यायमूर्ति कांत ने कहा, “हम जानते हैं कि मामले में केवल अहंकार के कारण समझौता नहीं हो पाया है। अगर विवाद पैसे को लेकर है तो उसे कोर्ट सुलझा सकती है, लेकिन इसके लिए पक्षों को आम सहमति पर पहुंचना होगा।
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