कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला प्रशासन ने उपनगर मुरार के गर्ल्स कॉलेज के सामने स्थित एसएन हॉस्पिटल पर छापेमार कार्रवाई की. जहां अवैध तरीके से पैसे लेकर महिलाओं का गर्भपात किया जाता था. प्रशासन की टीम ग्राहक बनकर गई थी. जब मामला सही पाया गया, तो अस्पताल को सील कर दिया गया है. पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है.

गर्भपात के लिए 50 हजार की डिमांड, 16 में हुआ सौदा

ग्वालियर जिला प्रशासन की टीम को गोपनीय सूचना मिली थी कि यहां महिलाओं का अवैध तरीके से गर्भपात किया जाता है. मामले की पुष्टि के लिए विभाग ने स्टिंग ऑपरेशन किया. जिसके तहत एक महिला को अबॉर्शन के लिए भेजा गया था. अस्पताल प्रबंधन ने गर्भपात के लिए 50 हजार रुपए की मांग की. जिसके बाद सौदा 16 हजार रुपए में तय हो गया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन को कुछ दाल में काला लगा और उन्होंने महिला का अबॉर्शन करने से मना कर दिया.

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एसएन अस्पताल को सील, कार्रवाई जारी

स्वास्थ्य विभाग की टीम जब अस्पताल में पहुंची, तब वहां कोई ट्रेंड चिकित्सक नहीं मिला. न ही अस्पताल पर गर्भपात के लिए उचित पंजीयन था. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल से रजिस्टर, रसीद, कट्टे, पेपर और एबॉर्शन में काम आने वाले उपकरण सहित अन्य कागजात जब्त किए हैं. एसएन अस्पताल को सील कर दिया गया है. पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है.

धर्मवीर दिनकर का अस्पताल, महिला डॉक्टर देती थी सेवाएं

यह अस्पताल धर्मवीर दिनकर का बताया जा रहा है. बताया ये भी जा रही है कि एसएन अस्पताल में डॉ. रजनी अग्रवाल नाम की महिला चिकित्सक अपनी सेवाएं देने आती थी, लेकिन छापामार कार्रवाई के दौरान कोई भी चिकित्सक अस्पताल में नहीं मिला.

अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी हो सकता है निरस्त

नोडल अधिकारी पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट नीलम सक्सेना का कहना है कि अस्पताल का पूरा रिकॉर्ड देखा जा रहा है. ऐसा लगता है कि यहां पहले भी गर्भपात किए जाते रहे हैं. ऐसे में इसकी पुष्टि होने पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जा सकता है. वैसे भी गर्भपात के लिए यह अस्पताल पंजीकृत नहीं है.

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