कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कहते हैं काबिलियत अपना लोहा कहीं भी और कभी भी मनवा सकती है..! ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर कलेक्ट्रेट से सामने आया है। जहां एक गरीब परिवार के होनहार छात्र को पहले वक्त ने तोड़ने की कोशिश की…लेकिन सपनों की उड़ान ने नई ऊंचाई दी। छात्र ने जेईई की निःशुल्क कोचिंग हासिल करने के लिए जिला पंचायत CEO के उस चैलेंज को एक्सेप्ट किया, जिसमें CEO ने छात्र को 5 सवाल हल करने के लिए दिए, और कहा कि यदि इन्हें सॉल्व कर लिया तो निःशुल्क JEE की कोचिंग पढ़ाई जाएगी।]

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पंचायत सीईओ का छात्र को चैलेंज

मामला ग्वालियर कलेक्ट्रेट जनसुनवाई का है। जहां गोल पहाड़िया इलाके में रहने वाला अर्पित पाल अपनी मां रेनू पाल के साथ पहुंचा। अर्पित के घर की हालत अच्छी न होने के चलते वह JEE की कोचिंग की तैयारी नहीं कर पा रहा था, ऐसे में प्रशासन से मदद की उम्मीद लेकर अर्पित कलेक्ट्रेट पहुंचा। जहां मदद की गुहार लगाने वाला आवेदन उसने जिला पंचायत सीईओ IAS विवेक कुमार को दिया। CEO ने आवेदन पढ़कर छात्र को एक चैलेंज दिया और कहा कि यदि तुमने मेरे पास सवालों को सॉल्व कर लिया तो तुम्हें निशुल्क JEE कोचिंग की तैयारी कराई जाएगी।

अपनी काबिलियत को किया साबित

छात्र अर्पित पाल ने भी जिला पंचायत सीईओ का चैलेंज एक्सेप्ट कर लिया। सीईओ विवेक कुमार ने अर्पित को एक के बाद एक पांच सवाल सॉल्व करने के लिए दिए जो फिजिक्स और मैथमेटिक्स से जुड़े हुए थे। अर्पित ने भी कभी उनकी टेबल पर तो कभी कुर्सी पर उनके सामने बैठकर पांच में से चार सवालों को सही सॉल्व कर दिया। उसकी इस काबिलियत को देखकर जिला पंचायत सीईओ IAS विवेक कुमार बहुत खुश हुए। उन्होंने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी आदर्श कटियार को निर्देश दिए कि वह अर्पित का एडमिशन शहर की सबसे अच्छी JEE कोचिंग सेंटर में कराए। जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने भी तत्काल शहर की एक कोचिंग संस्थान में बात कर उसके एडमिशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है।

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खुशी का न रहा ठिकाना

अर्पित पाल ने जैसे ही सुना कि अब वह JEE की कोचिंग निःशुल्क कर सकेगा तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। अर्पित का कहना है कि यदि प्रशासन उसके जैसे बच्चों की इस तरह मदद करेगा तो जरूर ऐसे सभी बच्चे आगे बढ़ाकर देश की सेवा कर सकेंगे। अर्पित सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है। वहीं अर्पित की मां रेनू पाल भी बहुत खुश नजर आई। उनका कहना है कि पति की मौत के बाद आज पड़ोस में झाड़ू पोछा कर 5 से 6 हजार रुपए महीने की ही व्यवस्था हो पाती है, घर के तीन बच्चों के साथ किराए के घर मे रहना, राशन की व्यवस्था और फिर पढ़ाई कराना बहुत ही कठिन होता है। ऐसे में जिला प्रशासन की मदद से अब उनका बच्चा JEE की तैयारी कर सकेगा।

अर्पित को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी आदर्श कटियार का कहना है कि, वह बहुत होशियार छात्र है और उसने अपनी काबिलियत को जिला पंचायत सीईओ IAS के सामने साबित भी कर दिखाया। इसलिए अर्पित JEE की तैयारी कर सके इसको लेकर कोचिंग संस्थान से बात कर ली गई है।

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गौरतलब है कि अर्पित के पिता की मृत्यु बीती 7 जनवरी 2023 को हार्ट अटैक के चलते हो गई। जिसके बाद घर की पूरी जिम्मेदारी मां रेनू पाल ने उठाई और आसपास के घरों में झाड़ू पोछा कर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी उठा रही हैं। अर्पित ने भी हाल ही में 10th क्लास में 81% अंक हासिल किया और इसी के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना देखना शुरू किया। ऐसे में जिला प्रशासन की इस मदद से अब अर्पित के हौसलों को उड़ान मिली है।

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