कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में लगातार जिले में घटते जल स्तर को लेकर याचिका दायर की गई थी. याचिका में बताया गया था कि ग्वालियर की पहचान स्वर्ण रेखा नदी के कांक्रीटीकरण के कारण जल स्तर लगातार नीचे आ रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सेंट्रल वाटर मिशन से इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देश दिया था. सेंट्रल वाटर मिशन ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दिया है. अब मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को मिशन की रिपोर्ट के आधार पर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. शासन को 1 सप्ताह के अंदर अपना जवाब हाई कोर्ट में प्रस्तुत करना होगा.
गौरतलब है कि अधिवक्ता विश्वजीत रतोनियां ने ग्वालियर के घटते जल स्तर को लेकर एक याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ में दायर की थी. याचिका में स्वर्ण रेखा नदी की साफ सफाई कराने और उसमें वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था कराने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने इसमें स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन नेशनल वॉटर डेवलपमेंट को भी पक्षकार बनाया है.
बता दें कि स्वर्ण रेखा नदी अब नाले में तब्दील हो गई है. इसे नदी का रूप एक बार फिर देने के लिए इस पूरी नदी को शहरी क्षेत्र में कांक्रीटीकरण किया गया था, लेकिन इसका उल्टा खामियाजा सामने आया है कि आज भी नाला नदी का रूप नहीं ले सका है. शहर का जल स्तर भी घटता जा रहा है. याचिका में बताया गया है कि यदि स्वर्ण रेखा नदी को एक बार फिर कच्चे रूप में तब्दील कर दिया जाए, तो वह अपने मूल में वापिस आने के साथ शहर के भूगर्भीय जल स्तर को मजबूती दे सकती है.
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