कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अब खुले में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। शहर की जर्जर-खस्ताहाल सड़कें और आधे-अधूरे निर्माण कार्यों से उड़ रही धूल लोगों की सांसों में जहर घोल रही है। यही वजह है कि दीपावली के पहले ही शहर में एयर पॉल्यूशन खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।

जबलपुर में डेंगू ने तोड़ा रिकॉर्ड: सरकारी पोर्टल में 325 मरीज दर्ज, प्राइवेट अस्पतालों में आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट   

ग्वालियर में सबसे ज्यादा एयर पॉल्युशन

प्रदेश के महानगरों में सबसे ज्यादा एयर पॉल्युशन की बात की जाए तो उस महानगर का नाम संगीतधानी ग्वालियर है। यहां एक्यूआई लेवल 110 पर पहुंच गया है। ग्वालियर के बाद इंदौर, भोपाल और जबलपुर में एक्यूआई 100 से भी नीचे है।

ग्वालियर में लगातार बढ़ रहे एयर पॉल्युशन के पीछे सबसे बड़ी वजह आपकी स्क्रीन पर दिखाई दे रही है। शहर की खस्ताहाल सड़के और विकास कार्यो के दौरान नियमों को ताक पर रखना लोगों के लिए मुसीबत पैदा कर रहा है। आम लोगों को शहर के चौक चौराहों पर अब सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। ट्रैफिक व्यवस्था के लिए तैनात पुलिसकर्मी अधिकारी मुंह बांधकर ही ड्यूटी कर पा रहे है, इसके पीछे की वजह है शहर का “एयर पॉल्युशन”।प्रदूषित हवा से साँस संबंधी बीमारियां जैसे ब्रोंकाइटिस, गले का दर्द सहित अन्य का खतरा बढ़ता जा है।

MP उपचुनाव का वर्तमान-ए-हालः विजयपुर से रावत, बुधनी में पैनल, बीना विधानसभा अधर में

इससे हुई पॉल्युशन के स्तर में बढ़ोतरी

पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी मौसम के परिवर्तन को पॉल्युशन की वजह बता रहे हैं। उनका कहना है की बारिश के बाद मिट्टी के सूखने के चलते डस्ट पार्टिकल हवा में बढ़ गए हैं। जिससे पॉल्युशन के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही पॉल्युशन कण्ट्रोल बोर्ड का यह भी मानना है कि खराब सड़के,नियमो के विपरीत निर्माण कार्य भी पॉल्युशन की एक बड़ी वजह है।

हैरान करने वाली बात यह है कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार की ओर से करोड़ों की राशि दी गई है। 15वें वित्त आयोग के द्वारा सभी नगर निगम को यह राशि दी जाती है। ग्वालियर नगर निगम को भी बीते तीन साल में एयर पॉल्युशन को ठीक करने के लिए 100 करोड़ से अधिक रुपए मिल चुके है। निगम भी मिले हुए करोड़ों रुपए खर्च कर चुका है। उसके वाबजूद शहर की आवोहवा नहीं सुधरी है। उल्टा पॉल्युशन का लेवल लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि निगम, जिला प्रशासन और पॉल्युशन कण्ट्रोल बोर्ड के लिए शहर की जहरीली आवोहवा को सुधारना एक बड़ा चैलेंज बन गया है।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m