कर्ण मिश्र, ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर (AQI Madhya Pradesh) की अबतक आबो-हवा नहीं सुधरी है. प्रदूषण ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है. ग्वालियर का AQI लेवल (Pollution Level AQI) घातक स्तर तक पहुंच गया है. महाराजबाड़ा में AQI लेवल (Air Quality Index) 312 के पार पहुंच गया है. सिटी सेंटर में AQI लेवल 308 के पार पहुंचा. DD नगर में 292, फूलबाग में 278 AQI रहा.

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शहर में उठता धुआं, धूल और स्माग अब हवा को जहरीला बना रहा है. पूरे शहर की हवा दूषित है, लेकिन सबसे ज्यादा खराब हालत दीनदयाल नगर और सिटी सेंटर का है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरे के निशान के पार पहुंच रहा है. हवा का दूषित होना सभी के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन इससे दमा और हृदय संबंधित बीमारियों वाले मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है.

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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में वायु की गुणवत्ता सुधार के लिए गाड़ियों का PUC चेक करने का आदेश जारी किया है. फिर भी इसके बावजूद प्रदूषण कंट्रोल होता नहीं दिख रहा है. सभी वाहनों के लिए कलेक्टर ने पीयूसी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया है.

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एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है?

भारत में राष्ट्रीय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 17 सितंबर 2014 को पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत नई दिल्ली में लॉन्च किया गया था. एयर क्वालिटी इंडेक्स 8 प्रदूषकों (PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, और Pb) से बना है. एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा की गुणवत्ता को मापता है. यह हवा में घुली गैसों की मात्रा और प्रकार को दर्शाता है. इस एयर क्वालिटी इंडेक्स में हवा की 6 कैटगरी बनाई गई हैं.

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