श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट गुरुवार की देर शाम को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने सार्वजनिक कर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी में मंदिर का स्ट्रक्चर मिला है. इस पर हिंदू पक्ष का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट से सब कुछ साफ हो गया है. मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई, यह भी पता चल गया. दूसरी तरफ से मुस्लिम पक्ष ने कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने की बात कही है.

मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद

ज्ञानवापी मामले में अदालत ने एएसआई के निदेशक को चार अगस्त तक सर्वे के संबंध में रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. इसके बाद मामला हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट गया. इसके बाद दोबारा चार अगस्त 2023 से सर्वे शुरू हुआ, जो दो नवंबर तक पूरा हुआ. 18 दिसंबर  2023 को सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई थी. इसके बाद से ही हिंदू पक्ष रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहा था. सर्वे में इस बात का दावा किया गया है कि मस्जिद के पहले यहां मंदिर था और उसकी संरचना के सबूत प्राप्त हुए हैं. हिंदू पक्ष के एक अन्य अधिवक्ता मानबहादुर सिंह ने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने से वैमनस्यता फैली. यह ऐतिहासिक साक्ष्य है कि आदि विश्वेश्वर का मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है.

सर्वे से सब कुछ साफ – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

शृंगार गौरी के पूजा का अधिकार मांग रही चार महिलाओं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने पक्ष रखा था. इस दौरान वजूखाने में हुए अधिवक्ता कमीशन की रिपोर्ट पेश की गई. अधिवक्ता की तरफ से कहा गया कि कमीशन की प्रक्रिया के दौरान शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी. आकृति की एएसआई जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट के विचााराधीन है. वजूखाने को सील किया गया है. ऐसे में उसके आसपास के क्षेत्र का एएसआई सर्वे किया जा सकता है. विष्णु जैन ने अदालत से कहा कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे हो तो एक और शिवलिंग मिल सकता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार के पास खंडहरनुमा अवशेष, तीन गुंबद और व्यास जी के तहखाने की जांच एएसआई से रडार पद्धति से कराई जाए.

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