ओडिशा में मैट्रिक बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है. ओडिशा की कक्षा 10वीं की परीक्षा चर्चा में है क्योंकि एक मां और एक बेटा एक साथ बोर्ड परीक्षा दिला रहे हैं.

जब ज्योसना पाधी (36) ने अपने बेटे को कोविड-19 महामारी के बीच कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा की ऑनलाइन तैयारी करते देखा तो उस समय उन्होंने भी कक्षा 10वीं की परीक्षा की तैयारी करने के बारे में सोचा. वह शादी के समय उनके परिवार की समस्याओं के कारण पढ़ाई बंद कर दी गई थी. ज्योसना कोरापुट जिले के आदिवासी क्षेत्र के जेपोर प्रखंड के पुजारीपुट गांव की रहने वाली है. उन्होंने बताया कि मेरी शादी के 15 साल बाद मुझे मौका मिला है और मेरे पति भी इसमें सहयोग कर रहे हैं. मुझे परीक्षा में शामिल होकर अच्छा महसूस हो रहा है, खुशी कि बात यह है कि मेरा बेटा भी मेरे साथ परीक्षा में बैठ रहा है.


पढ़ाई करने की इच्छा पर पति ने दिया साथ
लॉकडाउन के दौरान मेरा बेटा ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए मेरा मोबाइल फोन लेता था. मैं हर समय सतर्क रहती थी ताकि वह अपनी कोई भी क्लास मिस न कर सके. ज्योसना ने बताया कि शुरूआती दिनों में उनके लिए घर का काम और पढ़ाई दोनों संभालना मुश्किल था, लेकिन बाद में उसके परिवार ने उनकी काफी मदद की. उनके पति आलोकनाथ कहते हैं उनका उत्साह और पढ़ाई पूरी करने की इच्छा को देखकर मैंने उन्हें कॉर्सपोटेंस कोर्स में नामांकित किया. मैं पत्नी को अपने बेटे आलोकनाथ के साथ बोर्ड परीक्षा में शामिल होते देखकर बहुत खुश हूं,


पारिवारिक समस्याओं के कारण छोड़ दी थी पढ़ाई
साल 2002 में अपने परिवार के सामने आने वाली समस्याओं के कारण ज्योसना को स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. वह जेपोर के सरकारी हाईस्कूल में दसवीं कक्षा (कॉर्सपोटेंस कोर्स) की परीक्षा दे रही है, जबकि उसका बेटा आलोकनाथ गांव के हाईस्कूल में पढ़ रहा है.