Hanuman Janmotsav Special 2025: हनुमान जयंती जितनी श्रद्धा और भक्ति के साथ भारत में मनाई जाती है, उसकी गूंज विदेशी धरती पर भी सुनाई देती है. भारत से हजारों किलोमीटर दूर, इंडोनेशिया, थाईलैंड और कैरेबियन देशों में भी हनुमान जी की पूजा की परंपरा जीवित है.
इंडोनेशिया, जो एक मुस्लिम बहुल देश है, वहाँ रामायण आज भी सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है. यहाँ हनुमान को “हनुमान सेनो” कहा जाता है, और बाली द्वीप पर उनके कई मंदिर स्थित हैं. यहाँ के पारंपरिक केचक नृत्य में हनुमान की वीरता और चातुर्य को मंच पर जीवंत किया जाता है.
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थाईलैंड में हनुमान को “हनुमान युक” के नाम से जाना जाता है. यहाँ की रामकीयन (थाई रामायण) में हनुमान एक प्रमुख योद्धा के रूप में चित्रित हैं. पारंपरिक थाई नाट्यकला ‘खोन’ में हनुमान एक अत्यंत लोकप्रिय पात्र हैं, और उनकी चपलता तथा बुद्धिमत्ता की विशेष सराहना होती है.
कैरेबियन देशों जैसे त्रिनिदाद, गयाना और सूरीनाम में बसे भारतीय प्रवासी समुदायों ने हनुमान मंदिरों की स्थापना की है. यहाँ हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्राएं, अखंड पाठ और विशेष पूजन का आयोजन होता है. इन देशों में हनुमान जी केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि संस्कृति और पहचान का प्रतीक बन चुके हैं.
हनुमान जयंती पर विदेशी धरती पर भी उनके भक्त मंत्रोच्चार, पूजा और भजन-कीर्तन के माध्यम से अपनी भक्ति प्रकट करते हैं.
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